Chandni raat ki sair hindi nibandh
दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं चांदनी रात पर निबंध तो चलिए आज के हमारे इस निबंध में चांदनी रात की सैर के बारे में पढ़ते हैं
प्रस्तावना- चांदनी रात की सैर वास्तव में मन को काफी प्रसन्न करती है। चांदनी रात की सैर हर कोई करना चाहता, हर कोई दिन की थकान से दूर होने के लिए शाम को चांदनी रात में सैर करना पसंद करता हैं।
चांदनी रात की सैर- अक्सर में अपने ऑफिस के कार्यों में बिजी रहता था, गर्मी का सीजन था और मैंने कहीं सुना था कि गर्मी के सीजन में शाम की चांदनी रात में घूमने का आनंद ही कुछ अलग होता है। मेरे परिवार वाले भी मुझसे कहीं घूमने की कहते थे तो एक दिन हमारा विचार बना कि कहीं शाम को चांदनी रात में कहीं निकले जाया जाए।
मैं अपने ऑफिस से निकल गया था और अपनी कार में अपने परिवार वालों को बैठाकर एक ऐसे स्थान पर जाना चाहता था जहां पर चांदनी रात में हमें सुकून मिले, हमारी दिनभर की परेशानियों से दूर होकर कुछ पल गुजार सकें तभी मेरी एक दोस्त का फोन आया और उसने मुझे एक ऐसा ही स्थान बताया और हम वहां पर चले गए।
वहां पर मैंने देखा शाम के समय चांद धीमा धीमा दिखाई दे रहा था चांदनी रात की वजह से चारों ओर धीमा धीमा दिखाई दे रहा था वहां पर मेरे सामने एक बड़ी सी नदी थी और उस नदी के चारों ओर हरे भरे पेड़ पौधे लगे हुए थे जिन्हें देखकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई।
ऑफिस के दिन भर के कार्यों से कार्यों में मैं काफी थक जाता था शाम को जब उस चांदनी रात में वहां पर आया तो वास्तव में मुझे काफी अच्छा लगा, मेरे मन को सुकून मिला। मुझे ऐसा महसूस होने लगा की लंबे समय तक मुझे यहां पर रूकना चाहिए तब हम पूरे परिवार के साथ कुछ समय तक उस चांदनी रात में वहां पर रुके।
हम वहां पर एक झुंड बनाकर बैठे हुए थे और कई तरह की बातें कर रहे थे वास्तव में हमें ऐसा महसूस हो रहा था कि हमें अक्सर यहां पर आना चाहिए क्योंकि मुझे दिन भर की थकान वहां पर बिल्कुल भी महसूस नहीं हो रही थी।
उपसंहार- वास्तव में चांदनी रात में शेयर करने का आनंद ही अलग होता है और विशेषकर जब हम परिवार के साथ में चांदनी रात में सैर करने जाते हैं तो हमारा मन बार-बार ऐसे स्थान पर भ्रमण करने का होता है।
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