Sunday 13 August 2023

जब मैंने पहली बार चाय बनाई पर निबंध Jab maine pehli bar chai banai essay in hindi

Jab maine pehli bar chai banai essay in hindi

जीवन में कई बार ऐसा होता है जब हम पहली बार कोई कार्य करते हैं । जब मैंने पहली बार चाय बनाई तो मुझे काफी अजीब सा महसूस हुआ और मुझे एक प्रसन्नता हो रही थी कि यदि मैं भी चाय बनाना सीख गया तो कितना अच्छा होगा । जब भी मुझे चाय पीनी होगी तब मैं स्वयं बना पाऊंगा । 


मैं अक्सर अपनी मां को चाय बनाते हुए देखता था । मेरी मां चाय में क्या-क्या डालती थी वह सब मुझे पता था लेकिन कितना डालती थी यह मुझे नहीं पता था । जब मैंने पहली बार चाय बनाई तो सबसे पहले दूध को उबाला फिर उसमें चाय पत्ती , शक्कर एवं अदरक डाल दिया । 

उसके बाद काफी देर तक मैं बर्तन में चाय को रखा और उबाला मैंने देखा कि दूध धीरे-धीरे अपना रंग बदल रहा है , दूध का रंग एकदम काला सा होने लगा था फिर मैंने चाय को एक चलनी से कप में छानकर और फिर चाय का स्वाद टेस्ट किया तो मैंने महसूस किया की चाय काफी कड़वी सी लग रही है और शक्कर भी उसने ज्यादा डल गई है तब मैंने समझा कि चाय बनाने के लिए चाय की पत्ती और शक्कर की मात्रा उचित होना चाहिए तभी चाय बन पाती है । 

मैंने यह जो चाय बनाई थी वह पीने योग्य नहीं थी । मैंने पहली बार चाय बनाई थी इसलिए ऐसा हुआ लेकिन अब मैं समझ गया था कि चाय बनाने के लिए कम शक्कर , कम चाय की पत्ती मुझे डालनी चाहिए तभी चाय ठीक से बन पाएगी । चाय बनाने का यह मेरा पहला अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा । भले ही पहली बार में मुझसे चाय नहीं बनी लेकिन मैं पहली बार कोशिश करके बहुत कुछ सीख चुका था । 

मुझे उम्मीद थी कि अब की बार में चाय अच्छी बना लूंगा । मैंने जब फिर से चाय बनाई तो चाय बहुत ही अच्छी बनी जिसका स्वाद भी काफी अच्छा था लेकिन अपने पुराने अनुभव से मैं सीख चुका था कि जिंदगी में कुछ भी करने के लिए सीखना पड़ता है । 

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