Sunday, 24 September 2023

नीम के पेड़ का महत्व पर निबंध Neem ka ped par nibandh

नीम के पेड़ का महत्व पर निबंध

दोस्तों नमस्कार, कैसे हैं आप सभी दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं नीम के पेड़ का महत्व पर हमारे द्वारा लिखित यह आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को

नीम के पेड़ का महत्व पर निबंध

प्रस्तावना- नीम का पेड़ हम सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि नीम के पेड़ के जरिए कई सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं। आज के समय में भारत देश ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों ने भी नीम के पेड़ का महत्व समझा है।

नीम के पेड़ का महत्व- वास्तव में नीम के पेड़ का काफी ज्यादा महत्व है। नीम के पेड़ की पत्तियां, टहनियां सब कुछ काफी महत्वपूर्ण है। यह मानव जाति के लिए एक तरह से वरदान है इसलिए नीम के पेड़ की जितनी हम प्रशंसा करें वह कम है। नीम के पेड़ के नीचे बैठने से सुकून मिलता है, हम कई बीमारियों से बच पाते है।

नीम के पेड़ से कई त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं, स्किन से संबंधी जैसे की कील, मुंहासे, फुंसियां आदि एवं कई अन्य स्किन रोगो में काफी लाभ प्राप्त होता है।

नीम के तेल का उपयोग हम कान दर्द में भी कर सकते हैं। कई लोगों का कान तेजी से दर्द करता है ऐसे में नीम का तेल तुरंत कान दर्द में आराम दिला सकता है। नीम के पेड़ दांतों के दर्द में भी लाभ पहुंचाता है।

दरअसल नीम की दातुन करने से दांतों से संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं एवं यदि दांत दर्द करते हैं तब भी हम नीम की दातुन एवं पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं।

इसके अलावा नीम के कई अन्य चमत्कारिक उपयोग भी हैं वास्तव में नीम का पेड़ एवं नीम की पत्तियां मानव जाति के लिए वरदान है इसका हमारे जीवन में काफी ज्यादा महत्व है और आज इसका महत्व हमारे देश में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी समझा है और अन्य देश भी इसका उपयोग कर रहे हैं।

उपसंहार- नीम का पेड़ हमारे लिए वरदान है। नीम के पेड़ एवं पत्तियों के जो चमत्कारी गुण हैं शायद वह किसी अन्य पेड़ में नहीं है। कई ऐसी बीमारियों में भी इसका उपयोग किया जाता है जो कई अन्य तरह से सही नहीं होती लेकिन इसके जरिए ठीक होने की संभावना काफी अधिक होती है।

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Sunday, 17 September 2023

आम के पेड़ की आत्मकथा Aam ke ped ki atmakatha in hindi essay

आम के पेड़ की आत्मकथा 

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं आम के पेड़ की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित यह आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को 

मैं आम का पेड़ हूं। मैं कई बगिया और बगीचाओं में लगाया जाता हूं लोग मुझे काफी पसंद करते हैं क्योंकि मैं उन्हें मीठे-मीठे आम के फल देता हूं अक्सर देखा गया है की मेरे फल यानी आम ज्यादातर लोगों को पसंद होते हैं।

बच्चों को भी यह काफी पसंद होते हैं गर्मियों के दिनों में जब मैं आता हूं तो हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। अगर किसी बाग या बगीचे में मेरा पेड़ फल फूल जाता है तो वास्तव में मेरे पेड़ के फलों को बचाना काफी मुश्किल होता है। 

आसपास के बच्चे फलों को तोड़ ले जाते हैं वह मेरी डालियों पर चढ़ते हैं और मेरी डालियों को हिला हिला कर उसके फल तोड़ते हैं। जहां पर मैं लगा होता हूं वास्तव में वहां के मालिक को काफी चिंता होती है कि कोई जबरदस्ती बगिया में घुसकर आम ना तोड़ ले जाए।

मैं साल में एक बार आता हूं। साल में एक बार मेरे पेड़ की पत्तियां सूख जाती है, झड़ जाती हैं और फिर नई-नई पत्तियां मेरे पेड़ पर आती है। मीठे मीठे आमों की बात तो अलग ही है जब मेरे पेड़ की हरी कैरी लोग देखते हैं तो लोग उसे भी नहीं छोड़ते क्योंकि मैं खट्टा मीठा काफी स्वादिष्ट फल देता हूं, जो लोगों को काफी पसंद आते हैं। 

मैं आम का पेड़ काफी प्रसिद्ध हूं। गर्मियों के दिनों में मीठे मीठे आम काफी ज्यादा बेचे जाते हैं मेरे मीठे मीठे आमों को खरीदने के लिए लोग काफी उत्साहित होते हैं। आजकल बाजारों में भी मेरे स्वाद के लिए कई कोल्डड्रिंक भी बन चुकी है जो मेरे जैसा स्वाद देती हैं और लोग ऊंचे दामों पर उन्हें खरीदते हैं। 

कई लोगों का मैं पसंदीदा फल होता हूं और यदि मैं ऐसा भी कहूं कि ज्यादातर लोगों का पसंदीदा फल मेरा आम है तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा क्योंकि मेरा फल वास्तव में काफी स्वादिष्ट होता है।

जब आम बाजार से चले जाते हैं तो लोगों को आम की कोल्ड ड्रिंक की याद आती है वास्तव में मैं बहुत ही महत्वपूर्ण पेड़ हूं क्योंकि मैं स्वादिष्ट आम और खट्टी मीठी कैरी देता हूं।

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Sunday, 10 September 2023

शास्त्रीय संगीत पर निबंध Shastriya sangeet in hindi

शास्त्रीय संगीत पर निबंध

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं शास्त्रीय संगीत पर हमारे द्वारा लिखित यह आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को 

प्रस्तावना- शास्त्रीय संगीत वास्तव में हम सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण संगीत है। यह भारतीय संगीत का अभिन्न अंग माना जाता है इस शास्त्रीय संगीत की शुरुआत या परंपरा काफी समय पहले हुई थी। 

कहते हैं कि भरत मुनि द्वारा रचित भरतनाट्य शास्त्र में भारतीय शास्त्रीय संगीत के बारे में जानकारी मिलती है इसलिए इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि यह काफी प्राचीन है। 

इसके अलावा मतंग मुनि ने भी अपनी रचना में शास्त्रीय संगीत के बारे में बताया है वास्तव में शास्त्रीय संगीत काफी प्राचीन संगीत है जो आज भी काफी प्रसिद्ध है। 

आज शास्त्रीय संगीत को ज्यादातर लोग क्लासिकल म्यूजिक के नाम से जानते हैं इस क्लासिकल म्यूजिक में सुर को महत्व दिया जाता है इसमें शब्द प्रधान नहीं होता। यह बच्चों के लिए, बड़ों बुजुर्गों के लिए सुनने में काफी अच्छा महसूस होता है।

शास्त्रीय संगीत का महत्व- हमारे जीवन में शास्त्रीय संगीत का काफी महत्वपूर्ण योगदान है। शास्त्रीय संगीत वास्तव में हमें काफी स्फूर्ति प्रदान करता है, हमारे कई मानसिक रोगों को भी दूर करता है वास्तव में ऐसा कई डॉक्टर ने भी शोध किया है। 

डॉक्टरों के शोध के अनुसार यदि बच्चे शास्त्रीय संगीत को सुनते हैं तो वास्तव में इसका उनके मस्तिष्क पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसके अलावा कई सारे डॉक्टर ऐसे भी होते हैं जो कई मानसिक रोगों से पीड़ित मरीजो को ठीक करने के लिए भी कई तरह के शास्त्रीय संगीत का उपयोग करते हैं जिससे कई तरह की मानसिक बीमारियों से मरीजों को निजात मिलती है और वह एक स्वस्थ जीवन जी पाते हैं। 

यदि हम मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं तो वास्तव में हम जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं। यह संगीत हमें मानसिक शांति प्रदान करता है। 

कुछ लोगों को हो सकता है यह समझने में काफी दिक्कत हो कि क्या वास्तव में शास्त्रीय संगीत काफी उपयोगी है लेकिन कई शोधकर्ताओं के अनुसार शास्त्रीय संगीत कई मनो रोगों को भी दूर करता है इसलिए शास्त्रीय संगीत का जीवन में काफी महत्वपूर्ण योगदान है।

उपसंहार- वास्तव में भारतीय शास्त्रीय संगीत हमारे संगीत का एक अभिन्न अंग है, यह काफी महत्वपूर्ण भी है। आज के समय में भी इस संगीत को काफी महत्व दिया जाता है, कई लोग जो अच्छे जानकार होते हैं वह संगीत को अवश्य सुनते हैं। 

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Wednesday, 6 September 2023

गर्मी की छुट्टियाँ कैसे बिताई पर निबंध? Garmiyon ki chutti par nibandh

मैं गर्मी की छुट्टी कैसे बिताया निबंध 

दोस्तों नमस्कार, कैसे आप सभी दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं गर्मी की छुट्टियां कैसे बिताई पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को 

प्रस्तावना- गर्मियों की छुट्टियां वास्तव में कई सारे लोगों के जीवन में कई सारे नए दृश्य दिखाती हैं। जीवन में गर्मी के दिनों में कहीं बाहर घूमने का मौका भी हमें परिवार वालों के साथ मिलता है और जीवन के नए अनुभव महसूस करने का भी हमें मौका मिलता है। गर्मियों के मौसम में परिवार के साथ कहीं घूमने जाना वास्तव में काफी सुख देता है।

मैं गर्मी की छुट्टी कैसे बताया- अक्सर में अपने कामकाज में हमेशा से ही बिजी रहता था लेकिन गर्मी के दिनों में जब मेरे बच्चों की स्कूल की छुट्टी हो जाती थी तो वह कहीं घूमने ले जाने की जिद किया करते थे इस साल गर्मी के दिनों में घूमने का हमने फैसला लिया।

इस साल हम हमारे नजदीक के ही गांव में हमारे एक दूर के रिश्तेदार के पास जाने वाले थे। मैंने अपने ऑफिस से तीन दिनों की छुट्टी ली और फिर मैं अपने बीवी बच्चों के साथ ट्रेन के द्वारा उस गांव की ओर चल पड़ा वास्तव में गांव में पहुंचकर मुझे वहां का माहौल बहुत ही पसंद आया। 

वहां चारों ओर कई कच्चे मकान देखने को मिल रहे थे, कुछ मकान पक्के भी थे, चारों ओर पेड़ पौधे नजर आ रहे थे। हमारे शहर में जहां दूर-दूर का कोई पेड़ पौधे नजर नहीं आते थे गांव में हर एक कदम पर पेड़ पौधे थे जो कि वास्तव में हरियाली महसूस करा रहे थे।

ठंडी-ठंडी हवा से मनमुग्द हुआ जा रहा था। गांव में भले ही कूलर या फंखे में हम रहते हैं लेकिन वास्तव में गांव की पेड़ों की ठंडी-ठंडी हवा का अनुभव कुछ अलग ही होता है। हम जब हमारे दूर के रिश्तेदार के घर पर गए तो उन्होंने हमारा काफी अच्छा स्वागत किया हमें काफी खुशी हुई। 

शाम के वक्त सभी ने मिलकर खाना खाया और फिर सभी एकजुट होकर अपनी कई सारी बातें आपस में डिस्कस करने लगे वास्तव में ऐसा माहौल वहां पर था जो माहौल मुझे शहरों में कभी महसूस नहीं हुआ।

हमें आपस में बातचीत करने में काफी अच्छा लग रहा था था जब सुबह हुई तो हम सुबह होते ही हम खेत देखने के लिए चले गए, पास में नदी भी थी वास्तव में ऐसा नजारा मैं शहरों में कहीं पर भी नहीं देखा था मुझे यह नजारा बहुत ही अच्छा लग रहा था।

दोपहर तक हम खेत पर ही रुके और फिर वापस आ गए शाम को हमने घर की छत पर से बच्चों के साथ मिलकर पतंग उड़ाई वास्तव में गांव में पतंग उड़ाना हमें बहुत ही अच्छा लगा।

बच्चे भी पतंग उड़ाने में काफी खुश थे और सभी बच्चे पतंग उड़ा रहे थे और अपनी अपनी पतंग को काफी ऊंचाई पर उडाने की कोशिश कर रहे थे वास्तव में हमारा पहला दिन बहुत ही अच्छा गुजरा हमें ऐसा लगा कि हम लंबे समय तक इस गांव में समय व्यतीत करें। लगभग तीन दिनों तक हम परिवारजनों के साथ एक साथ रहे वास्तव में गर्मी की छुट्टियों में यह तीन दिन बिताना हमें काफी अच्छा महसूस करा रहा था।

उपसंहार- अक्सर हम अपने कामकाज में बिजी रहते हैं और बच्चे भी पढ़ाई में बिजी रहते हैं तो हमें अक्सर गर्मियों के समय में फैमिली के साथ कहीं ना कहीं घूमने के लिए जाना चाहिए जिससे फैमिली वालों को भी कुछ नया, कुछ अच्छा महसूस हो सके।

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Saturday, 26 August 2023

ताजमहल की यात्रा पर निबंध Taj mahal ki yatra essay in hindi

ताजमहल की यात्रा पर निबंध 

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मैं अक्सर बचपन से ही अखबार, टीवी चैनल पर ताजमहल देखा करता था। ताजमहल के बारे में मैंने काफी कुछ पढ़ा और सुना था इसलिए मैं भी ताजमहल घूमने के लिए जाना चाहता था। एक दिन हमने डिसाइड किया कि हम ताजमहल घूमने के लिए जाएंगे। 

हमने कुछ दिन पहले ही ट्रेन में रिजर्वेशन करवा लिया था अब वह दिन आ गया जिस दिन हमें रात में ट्रेन के द्वारा आगरा पहुंचना था। मैं आगरा पहली बार जा रहा था। मैं अपनी पत्नी, बच्चे और साले साहब के साथ था। 

हम सुबह के समय आगरा पहुंच गए थे सुबह आगरा पहुंचने के बाद हमने टैक्सी पकड़ी और फिर टैक्सी में बैठकर हम ताजमहल देखने के लिए चल पड़े। हमें ताजमहल के बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं थी लेकिन कुछ जानकारी हमें टैक्सी वाले ने भी बताई। 

ताजमहल के पास पहुंचकर हम काफी खुश थे अब हम ताजमहल के अंदर जाने वाले थे। ताजमहल एक बहुत ही बेहतरीन ऐतिहासिक इमारत है, यह भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है यह आगरा के किले के पीछे है। 

ताजमहल से आगे शाहजहां का किला है जो की काफी प्रसिद्ध है। सबसे पहले हमने शाहजहां के उस किले को देखा, जो की काफी बेहतरीन था किले से हम ताजमहल को देख पा रहे थे, अब हमें इंतजार था ताजमहल के करीब जाने का।

ताजमहल के जैसे ही हम पास में पहुंचे तो सबसे पहले हमें एक बढ़िया सा गार्डन दिखा जिसमें कई तरह के पेड़ पौधे लगे हुए थे जिसकी हरियाली वास्तव में काफी बेहतरीन लग रही थी जिसमें पास में ही पानी भरा हुआ था एवं चारों ओर कई तरह के गुब्बारे लगे हुए थे जिन्हें देखकर काफी आश्चर्यजनक महसूस हो रहा था। 

अब हम ताजमहल के करीब पहुंचने वाले थे ताजमहल को जब हमने करीब से देखा तो वास्तव में उसकी सुंदरता को देखकर हमें काफी अच्छा महसूस हुआ। कहते हैं कि शाहजहां ने मुमताज की याद में यह ताजमहल बनवाया था, यह ताजमहल दुनिया में काफी प्रसिद्ध है, यह सात अजूबे में से एक है। 

आज देश ही नहीं बल्कि सारी दुनिया से ताजमहल को देखने के लिए कई सारे लोग आते हैं वास्तव में ताजमहल को देखना अपने आपमें एक बहुत ही बेहतरीन अनुभव है। शाहजहां के मरने के बाद उनकी पत्नी की कब्र के पास में ही शाहजहां की कब्र को दफनाया गया था। मैंने और मेरे परिवार के सदस्यों ने जब ताजमहल को देखा तो सबने ताजमहल की खूब प्रशंसा की और हमने कुछ फोटोज भी खींची, जो हमारी यादों का एक अच्छा अनुभव था।

कहते हैं कि शाहजहां ने ताजमहल को बनवाने के लिए कई देश विदेश से कारीगर बुलवाए थे और ताजमहल बनवाने के बाद उनके हाथ काट दिए थे जिससे कि वह दूसरा ताजमहल ना बना सके।

हमने ताजमहल को दोपहर के समय देखा था यह सफेद रंग का था और काफी सुंदर प्रतीत हो रहा था वास्तव में यह हमारे जीवन का एक बहुत ही बेहतरीन दृश्य था। ताजमहल गुंबदनुमा आकृति का काफी सुंदर प्रतीत हो रहा था। 

हम कुछ देर वहां पर रुके और हमने कई सारे फोटोज खींचे और वहां से वापस आ गए वास्तव में ताजमहल की यात्रा का यह अनुभव हमारे लिए काफी बेहतरीन रहा। 

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Thursday, 17 August 2023

हिंदी भाषा की समस्या और समाधान निबंध Hindi bhasha ki samasya par nibandh

Hindi bhasha ki samasya par nibandh

हिंदी भाषा एक ऐसी भाषा है जो बहुत ही सरल भाषा है । भारतवासी हिंदी भाषा को बोलना बेहद पसंद करते हैं । भारत में हिंदी भाषा के अलावा भी कई राज्यों में अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं । सभी लोग अपनी मातृभाषा को प्रमुखता देते हैं । 


भारत में अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं । यह बहुत ही अच्छी बात है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो धर्म जाति और भाषा के नाम पर लोगों को भड़काते हैं जिस वजह से कई तरह की समस्याएं हमें देखने को मिलती हैं । हिंदी भाषा के संबंध में भी ऐसी कई समस्याएं सामने आती हैं । 

हमारा भारत देश 1947 में आजाद हुआ था उसके बाद हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता दी गई लेकिन कुछ नेताओं ने कुछ ऐसी गलतियां की जिस वजह से हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में जारी होने के लिए लगभग 15 वर्ष का समय रख दिया गया लेकिन समय गुजरता गया और राष्ट्रभाषा के विषय पर कई तरह की बहस बाजी होना शुरू हो गई । 

आज कई वर्ष हो चुके हैं आज भी राष्ट्रभाषा के विषय पर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं । आजकल हम देखें तो कुछ लोग हमारी हिंदी भाषा की ओर ध्यान ही नहीं देते और हिंदी भाषा पर कई तरह के आरोप लगाते हैं । वह कहते हैं कि हिंदी काफी कठिन भाषा है । कुछ लोग कहते हैं यह भाषा हमारे बस की नहीं है या इसकी ग्रामर काफी कठिन है । 

इस तरह की बातें हमें कई जगह सुनने को मिलती हैं । हिंदी भाषा के साथ इसी तरह की कई समस्याएं हमें चारों ओर देखने को मिलती हैं । इसके अलावा आजकल हम देखते हैं कि लोग अंग्रेजी भाषा को बढ़ावा देते हैं । अंग्रेजी भाषा उन्हें ऐसी भाषा लगती है कि जो भी कोई व्यक्ति अंग्रेजी भाषा बोलता है वह उसे पढ़ा-लिखा समझते हैं । 

कई लोग तो ऐसे होते हैं जो हिंदी भाषा बोलने वाले व्यक्ति को अनपढ़ समझते हैं । ऐसे लोगों की मानसिक स्थिति समझ नहीं आती । हमारे भारत देश में हिंदी भाषा पर हम सभी को गर्व होना चाहिए ।हिंदी भाषा के प्रति इस तरह की समस्याएं आगे ना हो इस पर हमें विचार करना चाहिए । हिंदी हमारी मातृभाषा है इसके प्रति सम्मान की भावना रखना हमारा प्रथम कर्तव्य है । 

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Sunday, 13 August 2023

जब मैंने पहली बार चाय बनाई पर निबंध Jab maine pehli bar chai banai essay in hindi

Jab maine pehli bar chai banai essay in hindi

जीवन में कई बार ऐसा होता है जब हम पहली बार कोई कार्य करते हैं । जब मैंने पहली बार चाय बनाई तो मुझे काफी अजीब सा महसूस हुआ और मुझे एक प्रसन्नता हो रही थी कि यदि मैं भी चाय बनाना सीख गया तो कितना अच्छा होगा । जब भी मुझे चाय पीनी होगी तब मैं स्वयं बना पाऊंगा । 


मैं अक्सर अपनी मां को चाय बनाते हुए देखता था । मेरी मां चाय में क्या-क्या डालती थी वह सब मुझे पता था लेकिन कितना डालती थी यह मुझे नहीं पता था । जब मैंने पहली बार चाय बनाई तो सबसे पहले दूध को उबाला फिर उसमें चाय पत्ती , शक्कर एवं अदरक डाल दिया । 

उसके बाद काफी देर तक मैं बर्तन में चाय को रखा और उबाला मैंने देखा कि दूध धीरे-धीरे अपना रंग बदल रहा है , दूध का रंग एकदम काला सा होने लगा था फिर मैंने चाय को एक चलनी से कप में छानकर और फिर चाय का स्वाद टेस्ट किया तो मैंने महसूस किया की चाय काफी कड़वी सी लग रही है और शक्कर भी उसने ज्यादा डल गई है तब मैंने समझा कि चाय बनाने के लिए चाय की पत्ती और शक्कर की मात्रा उचित होना चाहिए तभी चाय बन पाती है । 

मैंने यह जो चाय बनाई थी वह पीने योग्य नहीं थी । मैंने पहली बार चाय बनाई थी इसलिए ऐसा हुआ लेकिन अब मैं समझ गया था कि चाय बनाने के लिए कम शक्कर , कम चाय की पत्ती मुझे डालनी चाहिए तभी चाय ठीक से बन पाएगी । चाय बनाने का यह मेरा पहला अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा । भले ही पहली बार में मुझसे चाय नहीं बनी लेकिन मैं पहली बार कोशिश करके बहुत कुछ सीख चुका था । 

मुझे उम्मीद थी कि अब की बार में चाय अच्छी बना लूंगा । मैंने जब फिर से चाय बनाई तो चाय बहुत ही अच्छी बनी जिसका स्वाद भी काफी अच्छा था लेकिन अपने पुराने अनुभव से मैं सीख चुका था कि जिंदगी में कुछ भी करने के लिए सीखना पड़ता है । 

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