Saturday, 28 December 2024

बालक बालिका एक समान पर निबंध Balak Balika ek saman essay in hindi

बालक बालिका एक समान पर निबंध

दोस्तों नमस्कार, कैसे हैं आप सभी दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल बालक बालिका एक समान आप सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। आप इस आर्टिकल को पढ़ें समझें और अपनी परीक्षा की तैयारी करें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे आर्टिकल को

प्रस्तावना- आज के समय में बालक बालिका एक समान है, सरकार ने भी बालक बालिका दोनों को समान अधिकार दिए हैं, सरकार भी बालिकाओं को आगे बढ़ाने के लिए पहल कर रही है। हम सभी को बालक बालिकाओं को आगे बढ़ाना चाहिए और उनको पढ़ाना चाहिए जिससे वह आगे चलकर जीवन में तरक्की कर सके।

बालक बालिका एक समान- आज से कुछ समय पहले बालक बालिकाओ को एक समान नहीं समझा जाता था दरअसल महिलाओं के प्रति कई कुप्रथाओ में जैसे कि पर्दा प्रथा, सती प्रथा आदि प्रथाओं ने महिलाओं की स्थिति दयनीय कर दी और महिलाओं को कई सारे अधिकार भी नहीं दिए और उनसे अधिकार छीन भी लिए गए, महिलाओं को पुरुष के अधीन रहना पड़ता था। 

लोग बालिकाओं को पढ़ाना पसंद नहीं करते थे वो समझते थे कि बालिकाएं तो शादी के बाद अपने घर चली जाएंगी लेकिन आज के आधुनिक युग में बालिकाएं भी बालकों के साथ आगे बढ़ रही हैं। चाहे वह पढ़ाई का क्षेत्र हो, चाहे वह नौकरी का चाहे वह बिजनेस का क्षेत्र हो हर एक क्षेत्र में बालिकाएं बालकों के साथ में आगे बढ़ती जा रही हैं।

आज के समय में सरकार भी बालिकाओं को आगे बढ़ाने का प्रयत्न कर रही है और लोगों को जागरूक कर रही है कि वह बालकों के साथ में बालिकाओं को भी पढ़ाई लिखाई करवाएं और उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें।

बालिका बालिकाएं हमारे देश का नाम भी रोशन कर रही हैं, देश को आगे भी बढ़ा रही हैं, बालिकाएं आज धीरे-धीरे ऐसे उच्च पदों पर पहुंच रही हैं उन्हें वहां देखकर हम समझ सकते हैं कि आज बालक बालिका एक समान है। 

सरकार ने हर प्रयत्न किया है जिससे वह बालक बालिकाओं के बीच का अंतर दूर कर सके और बालिकाओं को भी बालकों के समान अधिकार दे सकें।

उपसंहार- आज के समय में हम सभी को अपनी सोच बदलने की जरूरत है। हमें बालक बालिकाओं को एक समान समझना चाहिए। सरकार कई ऐसे कदम उठा रही है जिससे बालक बालिकाओं के बीच का अंतर हम दूर कर सकते हैं और बालिकाओं को भी हम बालकों की तरह पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ा सकते हैं।

वास्तव में हमें जागरूक होना चाहिए और बालिकाओं को भी बालकों के समान समझकर आगे बढ़ाना चाहिए।

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Sunday, 8 December 2024

यदि तुम सैनिक होते तो निबंध Yadi tum sainik hote to nibandh hindi

यदि तुम सैनिक होते तो निबंध 

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं यदि तुम सैनिक होते तो पर हमारे द्वारा लिखित यह लेख आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को 

यदि तुम सैनिक होते तो बहुत ही अच्छा होता, तुम देश के सैनिक बनकर देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हो। तुम सैनिक बनकर अपनी ईमानदारी से देश के प्रति ईमानदारी पूर्वक पूर्ण कर्तव्य निभाते और देश के लिए अपनी जान निछावर करने से भी नहीं चूकते। 

यदि तुम देश के सैनिक होते तो वास्तव में मुझे तुम पर बहुत ज्यादा गर्व होता, यदि तुम देश के सैनिक होते तो वास्तव में मैं हर किसी से तुम्हारी प्रशंसा करता क्योंकि वैसे भी तुम मेरे दोस्त हो और काफी प्रशंसा के योग्य हो। 

यदि तुम सैनिक होते तो वास्तव में मैं दूसरों से तुम्हारी प्रशंसा करते करते नहीं थकता क्योंकि देश का सैनिक मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण है, यदि तुम देश के सैनिक होते तो मुझे पक्का विश्वास है कि तुम किसी भी दुश्मन को सबक सिखा सकते थे और अपने देश को आगे बढ़ाते चले जाते।

तुम देश के सैनिक बनकर मेरे लिए, मेरे परिवार के लिए, अपने खुद के परिवार के लिए काफी महत्वपूर्ण होते और मैं भी तुम्हारी तरह बनने की जरूर सोचता। यदि तुम सैनिक होते तो मेरे लिए तुम्हारा परिवार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता क्योंकि एक सैनिक सभी देशवासियों के लिए, उनके परिवार के लिए अपनी कुर्बानी देने से भी नहीं चूकता इसलिए एक सैनिक के परिवार की सुरक्षा करना उसकी देखरेख करना मैं अपना कर्तव्य समझता हूं।

यदि तुम देश के सैनिक होते तो तुम कभी कबार ही मुझसे मिलने के लिए आते लेकिन जब भी आते हो ऐसा लगता कि तुम अब मेरे पास ही रहो लेकिन मेरे लिए मेरा देश सबसे पहले है इसलिए मैं चाहकर भी तुम्हें नहीं रोकता वास्तव में यदि तुम सैनिक होते तो तुम हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होते।

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Thursday, 14 November 2024

मेरा प्रिय व्यक्ति पर निबंध Short essay on mera priya vyakti in hindi

मेरा प्रिय व्यक्ति पर निबंध 

प्रस्तावना - सभी के कोई ना कोई व्यक्ति प्रिय जरूर होते हैं जो उनको मानते हैं उनकी बातों का अनुसरण करते हैं और उनसे जीवन में सीख लेकर आगे बढ़ते चले जाते हैं मेरे जीवन के भी प्रिय व्यक्ति हैं श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी

मेरे प्रिय व्यक्ति नरेंद्र मोदी- मेरे प्रिय व्यक्ति नरेंद्र मोदी हैं जो आज भारत देश के प्रधानमंत्री भी हैं वह गुजरात के हैं इनके पिताजी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का कार्य करते थे. श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अपने बचपन में चाय बेचने का कार्य किया जब बड़े हुए तो उन्होंने सन्यासी का जीवन जीने का सोचा लेकिन किसी कारण बस फिर इन्होंने राजनीति को ही अपना सर्वस्व निछावर कर दिया.

पहले उन्होंने गुजरात में चुनाव लड़ा कई सारी समस्याएं उनके जीवन में आई कई लोगों ने उन पर आरोप भी लगाए लेकिन समय के साथ उन पर लगाए गए आरोप दूर हो गए क्योंकि नरेंद्र मोदी जी एक सच्चे और अच्छे इंसान हैं नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात में तो विकास किया ही था उसके बाद नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री का चुनाव लड़ा और इनके अच्छे कार्यों की वजह से नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए.

आज वह दूसरी बार भारत देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं जनता उन्हें बेहद पसंद करती है क्योंकि इन्होंने कई सारी ऐसी योजनाएं चलाएं जो वास्तव में लोगों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है.

उपसंहार - वास्तव में नरेंद्र मोदी जी एक अच्छे नेता तो है ही साथ में नरेंद्र मोदी जी एक अच्छे इंसान भी हैं उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया एवं लोगों के फायदे के लिए बहुत कुछ प्रयास किया विपक्ष ने इन पर कई तरह के आरोप भी लगाए लेकिन वह आरोप गलत साबित हुए वास्तव में हमें ऐसे ही नेता की जरूरत थी और वह नेता आज हमारे समक्ष है.

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Wednesday, 23 October 2024

गरीबी क्या है निबंध Garibi kya hai essay in hindi

गरीबी क्या है निबंध 

प्रस्तावना- गरीबी एक ऐसी स्थिति है जिसमें मनुष्य की स्थिति काफी दयनीय हो जाती है। व्यक्ति रोटी, कपड़ा, मकान और अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता या ठीक तरह से नहीं कर पाता, ऐसी स्थिति को ही गरीबी कहते हैं। गरीबी की स्थिति को दूर करना बेहद जरूरी है गरीबी कई कारणों से आती है जिन्हें हम जानने वाले हैं 

गरीबी के कारण गरीबी होने के कारण कई सारे हैं जिन्हें हम जानने वाले हैं। 

जनसंख्या वृद्धि- जनसंख्या वृद्धि की वजह से गरीबी काफी बढ़ती जा रही है। भारत देश में जनसंख्या काफी अधिक है ऐसे में कई लोग बेरोजगार रह जाते हैं, सरकार भी ज्यादा लोगों को नौकरी नहीं दे पाती और इस तरह से जनसंख्या वृद्धि के कारण गरीबी की समस्या सामने आती है।

अनपढ़ता- आज के समय में हम देखते हैं कि कई लोग ऐसे हैं जिनको पढ़ाई लिखाई करने का मौका सही तरह से नहीं मिला जिस वजह से उन्हें अच्छा रोजगार नहीं मिल पाता और उन्हें अपने जीवन में गरीबी की समस्या से जूझना पड़ता है इसलिए हमें चाहिए कि हम हमारे लड़के लड़कियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दें। सरकार भी इस ओर विशेष ध्यान दे रही है हम सभी को जागरूक होना चाहिए।

उचित शिक्षा का अभाव- आज के समय में हम देखते हैं कि कई लोग ऐसे होते हैं जो शिक्षा तो प्राप्त करते हैं लेकिन आधुनिक युग में जिस तरह की शिक्षा की उन्हें जरूरत है उस शिक्षा की ओर ध्यान नहीं देते और उन्हें कोई अच्छा सा रोजगार नहीं मिल पाता और गरीबी जैसी स्थिति देखने को मिलती है।

लैंगिक भेदभाव- आज के समय में हम देखते हैं की आज भी लोग लड़का लड़की में भेदभाव करते हैं। लड़कों को शिक्षा दिलवाते हैं और लड़कियों को उचित शिक्षा नहीं दिलवाते, वह समझते हैं कि लड़की तो शादी के बाद पराई हो जाएगी इस वजह से वह लड़की को अच्छी शिक्षा नहीं दिलवा पाते। यदि लड़की पढ़ी-लिखी होगी तो इस महंगाई के समय में पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर कुछ अच्छा कर पाएगी और परिवार की गरीबी को दूर करने में मदद करेगी।

महंगाई- 21वी सदी में हम देख रहे हैं कि महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, ऐसे समय में कई सारे लोग गरीबी के स्तर पर पहुंचते जा रहे हैं वास्तव में महंगाई भी गरीबी की समस्या को जन्म देने का एक प्रमुख कारण है।

गरीबी को दूर कैसे करें इसके उपाय- गरीबी को दूर करना बहुत जरूरी है। गरीबी को दूर करने के लिए हमें चाहिए कि हम जनसंख्या वृद्धि को दूर करने की कोशिश करें। महंगाई के समय में समय के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करें और आगे बढ़े। 

गरीबी को दूर करने के लिए हमें चाहिए कि हम लड़का लड़की में किसी भी तरह का भेदभाव ना करें, लड़कियों को भी लड़कों के समान पढ़ाएं, उन्हें अधिकार दें और उचित से उचित शिक्षा दें। वास्तव में यदि हम सब जागरूक होकर इस तरह के कार्यों के प्रति कदम बढ़ाएंगे तो हम गरीबी को दूर कर सकेंगे।

उपसंहार- गरीबी को दूर हम सब जागरूक होकर कर सकते हैं हम सभी को गरीबी को दूर करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए और लोगों को भी जागरूक करना चाहिए तभी हमारे देश से गरीबी दूर हो सकती है।

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Thursday, 17 October 2024

आदर्श अध्यापक निबंध Adarsh Adhyapak par Nibandh

Adarsh Adhyapak par Nibandh

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज के हमारे आर्टिकल में हम पढ़ने वाले हैं आदर्श अध्यापक पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे लेख को 

प्रस्तावना 

एक अध्यापक हमारे जीवन में काफी महत्व रखते हैं क्योंकि एक अध्यापक के जरिए ही हम जीवन में आगे बढ़ते हैं। यदि एक आदर्श अध्यापक हमारे होते हैं तो हम जीवन में सफलता की बुलंदियों को छू पाते हैं और जीवन में बड़ी से बड़ी समस्याओं कर पाते हैं।

एक आदर्श अध्यापक 

आदर्श अध्यापक से तात्पर्य ऐसे अध्यापक से है जो पढ़ाई में पूरी तरह से निपुण है, उन्हें विषय का पूर्णता ज्ञान हो और वह विद्यार्थियों की पढ़ाई से संबंधित हर एक समस्या को हल करने की क्षमता रखते हो, ऐसे अध्यापक हमेशा विद्यार्थियों के रोल मॉडल होते हैं क्योंकि ऐसे अध्यापकों की वजह से विद्यार्थी उनसे प्रेरित होकर जीवन में आगे बढ़ते जाते हैं और अपनी हर एक समस्या को हल करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।

एक आदर्श अध्यापक बच्चों को पढ़ाई के साथ नैतिक ज्ञान की शिक्षा भी देते हैं और उन्हें जीवन में आगे बढ़ाने की हर एक सलाह देते हैं। एक आदर्श अध्यापक के जीवन में शिक्षा के साथ ही अपने विद्यार्थियों को एक अच्छा इंसान बनना भी मकसद होता है। 

आदर्श विद्यार्थी जीवन में एक बड़ी सफलता हासिल करके आगे बढ़ते जाते हैं। आज के समय में हम देखते हैं कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिनको अपने विषय का पूर्णता ज्ञान नहीं होता, यह उनकी गलती भी हो सकती है क्योंकि उनका पढ़ाई पर विशेषता ध्यान नहीं होता 

इसके अलावा यह शिक्षक की कमी भी होती हो सकती है हो सकता है एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को ठीक तरह से नहीं पढाता हो इसलिए एक शिक्षक का आदर्श शिक्षक होना बहुत ही जरूरी है।

कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो अपने विद्यार्थी जीवन को अधिक महत्व नहीं देते और जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते। कई बार विद्यार्थियों के साथ ऐसा इसलिए भी हो सकता है की हो सकता है उनके एक आदर्श अध्यापक ने उन्हें शिक्षा को सही तरह से प्रदान की हो लेकिन फिर भी विद्यार्थी ना तो पढ़ाई को ज्यादा महत्व दे रहा हो और ना ही अपने समय को महत्व को समझ पा रहा हो।

एक आदर्श शिक्षक का यह कर्तव्य होता है कि वह अपने विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ में नैतिक शिक्षा एवं जीवन के लिए कई ऐसी जरूरी शिक्षा प्रदान करें जिससे विद्यार्थी अपने विद्यार्थी जीवन को महत्व दे और शिक्षा सही तरह से प्राप्त कर सके तभी एक आदर्श शिक्षक के जरिए विद्यार्थी जीवन में आगे बढ़ सकता है और देश का नाम रोशन कर सकता है।

उपसंहार 

वास्तव में एक आदर्श अध्यापक हमारे देश के लिए, हमारे समाज के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि आदर्श अध्यापक के जरिए ही देश और समाज का निर्माण होता है।

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Tuesday, 15 October 2024

मनुष्य जीवन में अहिंसा का महत्व निबंध Ahinsa ka mahatva essay in hindi

मनुष्य जीवन में अहिंसा का महत्व निबंध 

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं मनुष्य जीवन में अहिंसा का महत्व पर निबंध आप हमारे द्वारा लिखे इस आर्टिकल को जरूर पढ़े तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को 

प्रस्तावना- मनुष्य जीवन में अहिंसा का बहुत ही महत्व होता है और यह महत्व जिसने समझ लिया वह बहुत कुछ कर सकता है, लोगों की प्रशंसा के योग्य भी बन सकता है इसलिए अहिंसा मनुष्य का परम धर्म भी है।

मनुष्य जीवन में अहिंसा का महत्व - मनुष्य जीवन में अहिंसा का बहुत ही ज्यादा महत्व है। हम अपने जीवन में हिंसा से कुछ काम करने की कोशिश करते हैं लेकिन वास्तव में हिंसा से जो कार्य संभव नहीं हो पाते वह कार्य अहिंसा से हो पाते हैं।

हमें अहिंसा अपनाना चाहिए क्योंकि अहिंसा से हम बड़े-बड़े कार्य कर सकते हैं और लोगों की कई तरह से मदद कर सकते है। 

हमारे भारत देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने केवल अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्हें कुछ समय निराशा मिली लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अहिंसा के मार्ग पर चलकर एक बड़ी सफलता हासिल की और हम सभी स्वतंत्र हो गए वास्तव में अहिंसा से जो संभव है वह हिंसा से नहीं है इसलिए हमें हमेशा अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए, अहिंसा का जीवन में बहुत ही महत्व होता है।

हम अपने जीवन में कई बार अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए हिंसा को अपनाने की सोचते हैं क्योंकि हमें लगता है कि हम हिंसा के मार्ग पर चलकर सफल हो सकते हैं और अपने कार्य को कर सकते हैं लेकिन वास्तव में ज्यादातर कार्य देखने में काफी आसान लगते हैं कि हिंसा से कार्य पूर्ण हो सकते हैं लेकिन हिंसा से हमारे ज्यादातर कार्य पूर्ण नहीं होते, अहिंसा अपनाकर हम बड़े से बड़े कार्य को बहुत ही आसानी से पूर्ण कर सकते हैं। 

हो सकता है अहिंसा के मार्ग पर चलते चलते हमें कामयाबी पाने तक थोड़ा ज्यादा समय लगे लेकिन जो हमें सफलता मिलती है वह काफी लंबे समय तक हमारे साथ रहने वाली होती है, लोग हमारी प्रशंसा भी करते हैं और हम जीवन में काफी आगे बढ़ते हैं वास्तव में अहिंसा का महत्व जिसने भी समझा है वह जीवन में कई समस्याओं से निकलकर आगे बढ़ा है।

उपसंहार - अहिंसा जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है अहिंसा से हम वह सभी कार्य कर सकते हैं जो हम हिंसा के मार्ग पर चलकर कभी भी नहीं कर सकते इसलिए अहिंसा का मार्ग काफी महत्वपूर्ण है।

Thursday, 3 October 2024

अतिथि देवो भव निबंध इन हिंदी Atithi devo bhava hindi essay

Atithi devo bhava hindi essay

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज के हमारे लेख में हम पढ़ने वाले हैं अतिथि देवो भव पर हमारे द्वारा लिखित आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज हमारे इस आर्टिकल को 

प्रस्तावना 

अतिथि देवो भव जिसका अर्थ होता है अतिथि भगवान के समान होता है वास्तव में हमारी भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही अतिथि को भगवान के समान समझा जाता है, उसका मान सम्मान किया जाता है। अतिथि का हम सभी को बड़ी ही विनम्रता के साथ स्वागत करना चाहिए।

अतिथि देवो भव 

हमारे भारत देश में प्राचीन काल से ही है परंपरा रही है कि जब भी हमारे घर पर अतिथि आते हैं तो हम उनका बड़े ही आदर के साथ स्वागत करते हैं, सत्कार करते हैं, उन्हें मिष्ठान आदि खिलाते हैं और उनके साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार करते हैं लेकिन पहले और आज के समय में काफी अंतर हो चुका है। 

आज के समय में भाग दौड़ के इस युग में लोगों के पास कम समय बचा है इसलिए वह अपने घर पर आए हुए अतिथियों को समय नहीं दे पाते है, वह उनको बहुत ही कम समय दे पाते हैं।

टेक्नोलॉजी के इस जमाने में ज्यादातर लोग मोबाइल, इंटरनेट पर ही बिजी देखे जाते हैं, उनका समाज के लोगों एवं अतिथियों के साथ हो सकता है पहले जैसा व्यवहार ना हो या कई सारे लोग ऐसे होते हैं जिनके पास आज के समय में समय ही नहीं होता कि वह किसी को समय दे पाए इसलिए पुराने समय से अभी के समय में अतिथियों के स्वागत में काफी बदलाव हुआ है लेकिन वास्तव में अतिथि भगवान के समान होता है।

हमें चाहिए कि हम उसका बहुत ही अच्छी तरह से स्वागत करें और किसी भी तरह की समस्या अतिथि को न होने दें, भले ही एक पल के लिए हमें कुछ समस्या हो लेकिन अतिथि को कभी भी समस्या नहीं होने देना चाहिए, यही हमारी भारतीय परंपरा है, हमारी संस्कृति है हमें इस संस्कृति को अपनाना चाहिए और इसका पूरी तरह से पालन करना चाहिए।

उपसंहार 

वास्तव में हर किसी को अतिथियों को भगवान के समान समझ कर उनका आदर सत्कार करना चाहिए और हमारी भारतीय परंपरा को आगे बढाना चाहिए।

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