Tuesday, 1 October 2024

कागज की आत्मकथा Kagaj ki atmakatha in hindi

Kagaj ki atmakatha in hindi

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज के हमारे इस आर्टिकल में हम पढ़ने वाले हैं कागज की आत्मकथा पर हमारे द्वारा लिखित आर्टिकल आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को 

मैं कागज हूं। मैं लकड़ी के द्वारा बनाया जाता हूं, मैं काफी खुशनसीब हूं और काफी खुशी महसूस भी करता हूं क्योंकि लोग मेरा काफी ज्यादा उपयोग करते हैं।

कागज के जरिए लोग कई तरह की किताबें, नोट बुक बनाते हैं, किताबें बनाकर उनमें लेखकों के द्वारा बातें लिखी या छापी जाती है जिससे विद्यार्थी या कई लोग ज्ञान प्राप्त करते हैं और जीवन में आगे बढ़ते हैं।

वास्तव में मेरे कागज के जरिए ही लोग ज्ञान प्राप्त करके जीवन में आगे बढ़ते हैं और मेरे द्वारा बनाई जाने वाली किताबों को लोग सबसे ज्यादा महत्व देते हैं, यहां तक कि वह मेरी किताबों को पूरा पढ़ लेते हैं फिर भी वह मेरी किताबों को बड़े ही संभाल कर रखते हैं क्योंकि उनके जीवन में मेरी किताबें सबसे महत्वपूर्ण होती है।

आज के इस आधुनिक युग में कागजों का बहुत ही ज्यादा उपयोग किया जाने लगा है, कई सारे लोग कई तरह की वस्तुओं को मेरे जरिए बंद करके एक दूसरे को प्रदान करते हैं, मेरा कई तरह से उपयोग किया जाता है।

आज की सरकार भी पालीथिन को बैन करके मेरा उपयोग पर ज्यादा जोर दे रही है क्योंकि पॉलिथीन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है लेकिन मैं किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता, मैं हमेशा पर्यावरण के अनुकूल रहता हूं।

आज के समय में मेरे जरिए कई कार्य किए जाते हैं जो मेरी उपयोगिता समझता है वह मुझे हमेशा संभाल कर रखता है और मेरी बड़ी ही देखभाल करता है लेकिन जो मुझे उपयोगी नहीं समझता वह मुझे रद्दी के भाव बेचता है एवं खरीदना है लेकिन वास्तव में मुझ कागज के द्वारा बनी हुई कुछ अनमोल किताबों को लोग अनमोल ही समझते हैं जिससे उनके जीवन में काफी बड़ा बदलाव होता है इसलिए वह अपने जीवन का अहम हिस्सा भी मुझे समझते हैं और हमेशा अपने साथ रखते हैं।

आज के समय में हम देखते हैं कि इंटरनेट काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है, लोग अपने मोबाइल लैपटॉप के जरिए ही कई तरह का ज्ञान प्राप्त करते हैं इसलिए कई सारे लोग मुझ कागज के द्वारा बनाई जाने वाली किताबों का उपयोग नहीं करते।

एक बात यह भी है कि यदि आप इंटरनेट पर लंबे समय तक कुछ बातें पढ़ते हैं तो आपके दिमाग एवं आंखों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा जबकि किताबों को पढ़ने पर ऐसा कोई भी नुकसान नहीं होता इसलिए आज के आधुनिक युग में भी मुझ कागज के द्वारा बनाई जाने वाली किताबों को आप ज्यादा महत्व दें क्योंकि मैं आपके लिए सहायक हूं।

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल Kagaj ki atmakatha in hindi आप अपने दोस्तों में शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें धन्यवाद।

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