Sunday 26 June 2022

जीने की कला शीर्षक निबंध Jeene ki kala nibandh

जीने की कला शीर्षक निबंध 

प्रस्तावना- मनुष्य को यदि जीने की कला आती है तो वास्तव में वह अपने जीवन में काफी ज्यादा आगे बढ़ जाता है। वह सफलता की बुलंदियों को पा लेता है। जीवन की कला वास्तव में एक ऐसी कला है जिससे सीखना बहुत ही जरूरी है। जीवन की कला के बगैर इंसान पीछे रह जाता है।

जीने की कला- जीने की कला वास्तव में अपने आपमें एक ऐसी कला है जिसके जरिए लोग सफलता की बुलंदियों को छू लेते हैं। आज के समय में कई सारे लोग होते हैं जो जीवन में सफल होने के लिए लगातार मेहनत करते हैं लेकिन सफलता उनसे कोसों दूर होती है, ऐसे लोग कभी भी जीवन में सफल नहीं हो पाते। 

जीने की कला यदि किसी इंसान को आती है तो वह काफी आगे बढ़ता है। हमें चाहिए कि हम अपना एक लक्ष्य निर्धारित करें तभी हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। हम हमारे लक्ष्य के बारे में सोचें और अपनी पढ़ाई या अपने कामकाज की शुरुआत करें। 

हमारी रोजाना की दिनचर्या नियमित होनी चाहिए हमें सुबह जल्दी जागना चाहिए, व्यायाम आदी करने के बाद हमें स्नानादि करना चाहिए और फिर भोजन इत्यादि भी समय पर करना चाहिए। उसके बाद नियमित रूप से एक टाइम टेबल बनाकर हमें अपने कार्य को करना चाहिए। 

यदि एक दिन या सप्ताह या महीने भर की आपके पास पहले से ही प्लानिंग है तो आप वास्तव में अपनी उस प्लानिंग को ठीक तरह से फॉलो करते हुए बहुत ही जल्द सफलता की बुलंदियों को पा लेंगे।

कई सारे ऐसे स्टूडेंट होते हैं जो पढ़ाई करते हैं लेकिन उन्हें अपना लक्ष्य पता नहीं होता ऐसे स्टूडेंट जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते। हमें अपने लक्ष्य के साथ अपने कार्यों को करना चाहिए तभी हम सफल हो सकते हैं। 

हम देखते हैं कि बड़े बड़े बिजनेसमैन जो सफल हुए हैं उनमें सबसे बड़ी कॉमन बात यह है कि उनकी प्रतिदिन एवं साप्ताहिक या महीने या साल भर की प्लानिंग होती है उस हिसाब से वह कार्य को करते हैं और अपने कार्यों को सफलता पूर्वक अंजाम देते हैं और आगे बढ़ते जाते हैं हमें भी जीवन जीने की यही कला सीखनी चाहिए।

उपसंहार- जीवन जीने की कला वास्तव में एक ऐसी कला है जिसके जरिए लोग बड़े से बड़े कार्यों को कर सकते हैं और सफलता की बुलंदियों को छू सकते हैं। हर किसी को जीवन जीने की कला को सीखने की जरूरत है।

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