नर्मदा नदी के तट के सौंदर्य पर निबंध
दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं नर्मदा नदी के तट के सौंदर्य पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध आप इसे जरूर पढ़ें
नर्मदा नदी जो कि हमारे भारत देश की पांचवी सबसे बड़ी नदी मानी जाती है तो चलिए पढ़ते हैं नर्मदा नदी के तट के सौंदर्य पर लिखित लेख को
नर्मदा नदी जिसे रेवा नदी भी कहा जाता है। नर्मदा नदी के तट की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम ही है। नर्मदा नदी के तट पर तीर्थ स्थल हैं जिनको देखने के लिए देश विदेश से बहुत सारे लोग आते हैं। नर्मदा नदी के तट पर कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं जहां पर ऋषि मुनि ध्यान करते हैं।
इसके अलावा नर्मदा नदी के तट का वातावरण काफी अधिक है ऐसा माना जाता है कि नर्मदा नदी के तट पर ही कार्तवीर्य अर्जुन ने रावण को हराया था।
नर्मदा नदी के तट की महिमा अनंत है। श्री राम लक्ष्मण, गणेश जी, कार्तिकेय जी एवं कई सारे ऋषि-मुनियों ने इस नर्मदा नदी के तट पर ही तपस्या की थी और कई सारी सिद्धियां प्राप्त की थी। नर्मदा नदी के तट की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम ही है।
एक समय की बात यह है कि जब अकाल पड़ रहा था तब ऋषि-मुनियों ने नर्मदा नदी की तपस्या की और नर्मदा नदी प्रसन्न होकर एक बच्ची का रूप धर कर आई और ऋषि मुनियों की प्रार्थना सुनी।
वास्तव में नर्मदा नदी का सौंदर्य देखने का बार बार मन करता है, वहां के तट की हरियाली, आसपास का क्षेत्र, पर्वत-पहाड़ियां, किनारे पर लगी हुई नावे और शाम के समय का प्राकृतिक सौंदर्य वास्तव में हमें नर्मदा नदी के तट की ओर खींच लेता है।
नर्मदा नदी का सौंदर्य वास्तव में बहुत ही बेहतरीन है। बच्चे, बूढ़े, नौजवान, महिला, पुरुष सभी नर्मदा नदी के तट के सौंदर्य से काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं और नर्मदा नदी के तट की प्रशंसा जरूर करते हैं। नर्मदा नदी के तट पर मीठे-मीठे स्वरों में बोलने वाले पक्षियों के चहचाहने की आवाज से ऐसा लगता है कि वह एक स्वर में कुछ गान कर रहे हो।
एक बार नर्मदा नदी के तट पर यदि हम भ्रम्मन करने जाते हैं तो हमारा मन स्वता ही नर्मदा नदी के तट पर घूमने का करता है क्योंकि वहां का सुहावना मौसम हमें अपनी ओर खींचता हैं।
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