Friday 29 May 2020

आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार पर निबंध Freedom is our birthright essay in hindi

आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार पर निबंध

आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है का नारा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने दिया था इसका अर्थ होता है की आजाद होना हमारा जन्म से ही अधिकार है हम सभी आजादी में रहे हैं और आजाद ही रहेंगे। हमारे भारत देश में जब अंग्रेजों का शासन था देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था तब देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने कई तरह से देश को आजादी दिलाने की कोशिश की।


 इन स्वतंत्रता सेनानियों में भगत सिंह, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू जैसे कई स्वतंत्र सेनानी थे उन्होंने कई तरह से अपने देश को आजादी दिलाने की कोशिश की थी किसी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलाने की कोशिश की तो किसी ने देश को गुलामी से मुक्त करने के लिए कई तरह के अन्य कार्य अपनाएं यह सब स्वतंत्रता सेनानी सिर्फ इसलिए कर रहे थे कि देश फिर से गुलामी की जंजीरों से दूर हो जाए और आजाद हो जाए क्योंकि हम भारतवासी आजाद थे और हमेशा आजाद रहेंगे।


इन भारतवासियों के लगातार किए हुए प्रयासों से आखिर वह दिन भी आ गया जब अंग्रेजी शासन पूरी तरह से कमजोर हो गया और आखिर में भारत देश को आजाद करना ही पड़ा आज हम आजाद हैं हमारे देश में पहले जो समस्याएं थी वह खत्म हो चुकी हैं देश के प्रत्येक नागरिक अब जीवन में अपनी इच्छा अनुसार जीवन जीते हैं बाल गंगाधर तिलक जैसे है सभी स्वतंत्रता सेनानियों ने इस आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


 हर कोई बच्चा जब भारत देश की भूमि पर जन्म लेता है तो वह आजादी की सांस लेना चाहता है गुलामी की जंजीर से दूर होना चाहता था इस गुलामी की जंजीरों की वजह से भारत देश के लोगों ने अंग्रेजों की कई तरह की हिंसा को बर्दाश् किया था। देश की औरतों के साथ भी कई तरह का अत्याचार एवं अन्याय किया गया आखिर में भारत देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने यह साबित कर दिया कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है कोई भी हमें गुलामी की जंजीरों में ज्यादा देर तक नहीं जकड़ सकता।


 भारत देश जिसकी जनता एकजुट होकर किसी भी बड़े से बड़े शासक को भी झुकने पर मजबूर कर सकती हैं अंग्रेजी शासक के साथ हुआ अंग्रेजी शासक ने बहुत कोशिश की भारत देश को लंबे समय तक गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहने के लिए लेकिन आखिर में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के सामने अंग्रेजी शासन कमजोर पड़ गई और 1947 का वह दिन आ गया जब भारत देश गुलामी की जंजीरों से आजाद हो गया और देश धीरे-धीरे पहले की तरह प्रगति के मार्ग पर चलने लगा।


 जब भारत देश अंग्रेजी सरकार की जंजीरों में जकड़ा हुआ था तब देश की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा था लेकिन धीरे-धीरे आजादी के बाद आज 2020 में हमारा भारत देश काफी शक्तिशाली देश बन चुका है देश की अर्थव्यवस्था भी बहुत ही अच्छी है स्वतंत्रता के बाद देश के नागरिकों को कई तरह के अधिकार दिए गए जैसे कि बोलने की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार, घूमने की स्वतंत्रता, स्त्री एवं पुरुष की समानता अधिकारों के जरिए देश को पहले की तरह ना देश के विकास में दौड़ाना था हम सभी ने धीरे-धीरे सरकार के साथ मिलकर यह साबित कर दिया कि हम सभी आजादी का सही तरह से उपयोग करेंगे और हमें जो आजादी मिली है उसको देश के विकास के साथ जीवन को एक बहुत ही अच्छे ढंग से जीने की कोशिश करेंगे।


आज हम सभी आजाद हैं अपने कुछ फैसले लेने के लिए आज किसान भी भारी कर्ज से मुक्त है वह पूरी तरह से आजाद है आज देश के नागरिकों में आजादी की वजह से खुशी की लहर देखने को मिलती है आज यह सोचते हैं कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार था और हमेशा रहेगा हमें कोई भी गुलाम नहीं बना सकता हमारा भारत देश सोने की चिड़िया था और जरूर ही पहले की तरह भारत देश सोने की चिड़िया बनेगा।



 तो दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार पर निबंध आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें।

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