Tuesday 3 September 2019

मेरा प्रिय उपहार पर निबंध my favourite gift essay in hindi

my favourite gift essay in hindi

दोस्तों हर किसी के जीवन में उपहारों का बहुत ही महत्व होता है हम सभी को जब किसी के द्वारा उपहार प्राप्त होते हैं तो हमें काफी खुशी होती है. मुझे भी जब मेरे जन्मदिन पर मेरा पसंदीदा उपहार मुझे दिया गया तो वास्तव में, मैं काफी खुश हुआ. मेरे जन्मदिन की पार्टी थी मैंने अपने स्कूल के सभी दोस्तों को बुलाया था एवं मेरे मामा जी एवं मेरे जीजाजी भी आए हुए थे.

                                                         my favourite gift essay in hindi    
        
 मुझे ध्यान है तब मेरी उम्र  7 या 8 साल की थी हमने अपने जन्मदिन के दिन हमारे आस-पड़ोस के लोगों को भी बुलाया था. हमने शाम को 8:00 बजे जन्मदिन मनाया था इसके कुछ देर पहले से ही हमने जन्मदिन की तैयारी करना शुरू कर दी थी जैसे ही श्याम को 8:00 बजे तो मेरी छोटी सी कुर्सी पर मुझे बैठा दिया गया था और एक टेबल पर मोमबत्ती एवं केक सजाए गए थे. चारों ओर गुब्बारे लगे हुए थे मैंने केक काटा और फिर मेरे सभी मित्रों ने जन्मदिन की खुशी मनाई.

 फिर मुझे सभी लोग गिफ्ट देने लगे लोग तरह-तरह की मेरे लिए उपहार लेकर आए उन उपहारों में किसी ने मुझे छोटी कार दी, तो किसी ने मुझे एक अच्छी सी गुड़िया दी लेकिन मेरे मामा जी ने मेरे लिए एक गोल गोल घूमने वाली नाचने वाली गुड़िया उपहार के रूप में दी. मैने सोचा कि साधारण सी गुड़िया होगी पहले तो मैंने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने जब उस गुड़िया को चलाया तो गुड़िया एक गाने पर खुद ही गोल गोल घूम कर ठुमके लगाने लगी.

 जब मैंने यह दृश्य देखा तो मुझे काफी खुशी हुई क्योंकि मैंने कभी भी इस तरह की गुड़िया नहीं देखी थी. वो गुड़िया तरह-तरह के अंदाज में नाचती तो मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती उस गुड़िया को देखकर मेरी मम्मी भी काफी खुश हुई. कुछ समय बाद जब जन्मदिन की पार्टी खत्म हुई तब मैं काफी देर तक अपनी गुड़िया को नाचते हुए देखता रहा खैर कुछ देर बाद मुझे नींद आ गई सुबह जब मैं जागा तो मैंने काफी देर तक उस गुड़िया को नाचते हुए देखा मुझे काफी खुशी हो रही थी.

 आस पड़ोस में मेरे कुछ दोस्त भी थे मैं उनके पास अपनी इस गुड़िया को ले गया तो सभी मेरे दोस्त मेरी गुड़िया को देखकर काफी खुश हो रहे थे. मुझे मेरी वह गुड़िया इतनी पसंद थी कि मैं अपने किसी दोस्त को उससे हाथ भी नहीं लगाने दे रहा था कुछ देर बाद मैं अपनी गुड़िया को लेकर अपने घर आ गया और फिर एक बार फिर से अपनी गुड़िया के साथ घर पर ही खेलने लगा. मामा जी के द्वारा दिया गया यह उपहार मेरे लिए सबसे पसंदीदा उपहार था मैंने फोन करके अपने मामा जी का धन्यवाद किया.

 दोस्तों मुझे बताएं कि मेरा पसंदीदा उपहार पर लिखा गया निबंध आपको कैसा लगा पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और हमें कमेंट करके भी बताएं कि यह आर्टिकल my favourite gift essay in hindi आपको कैसा लगा

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