Sunday 1 September 2019

दादा दादी पर निबंध Essay on grandparents in hindi

Essay on grandparents in hindi

दादा दादी और पोता पोती का रिश्ता काफी महत्वपूर्ण होता है हर एक पोता अपने दादा दादी से काफी लगाव रखता है वह अपने दादा दादी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करना चाहता है। बहुत से दादा दादी अपने पोते को किस्सा, कहानियां, लोरी आदि सुनाते हैं और उसका मनोरंजन करते हैं।

                                                          Essay on grandparents in hindi 

कई दादा दादी तो अपने पोते के साथ एक बच्चे से बनकर उनके साथ खेलने लगते हैं वास्तव में दादा दादी और पोता पोती का रिश्ता सबसे अलग रिश्ता है यदि आपने अपना कुछ समय भी दादा दादी के साथ बिताया है तो वह पल आपको काफी अच्छे लगते होंगे उन पलों की यादें ही आपके चेहरे पर जरूर ही खुशी ला देती होंगी। जब भी मम्मी पापा अपने बच्चों को थोड़ा सा डाटते हैं तो दादा दादी उनको ही डाटने लगते हैं और अपने पोतो को सरआंखों पर बिठा कर लाड प्यार करते हैं।

पोता पोती जब भी स्कूल से वापस आते हैं तो ज्यादातर वह अपने दादा-दादी के पास ही आकर उनके साथ खेलते हैं, बातें करते हैं यह सब बच्चों को अच्छा लगता है। कई पोता पोती तो अपने दादा दादी के साथ ही सोना पसंद करते हैं क्योंकि रात में वह अपने दादा दादी से कई तरह के किस्से, कहानियां लोरी आदि सुनते रहते हैं। यह सब बच्चों को बहुत ही अच्छा लगता है वास्तव में जिन बच्चों को दादा दादी का प्यार मिलता है वह बहुत ही खुश नसीब होते हैं।

आज के आधुनिक युग में बदला

आज के आधुनिक युग में कई सारे बदलाव हमें देखने को मिलते हैं आजकल भले ही देश विज्ञान के वजह से तरक्की करता जा रहा है लेकिन दूसरी ओर परिवार बिखर रहे हैं। आज संयुक्त परिवार की जगह कई एकल परिवार होते जा रहे हैं कई लोग संयुक्त परिवार में रहना पसंद नहीं करते वह खुद से अलग रहना पसंद करते हैं जिसकी वजह से बच्चों को अपने दादा दादी का प्यार या तो मिल नहीं पाता या बहुत ही कम मिल पाता है।

कई बच्चे तो आजकल के युग में कई वर्षों बाद अपने दादा दादी से मिल पाते हैं क्योंकि वह अपने माता-पिता के साथ एकल परिवार में रहते हैं पता नहीं आजकल की युग में इंसान सबसे ज्यादा एकल परिवार में रहना पसंद क्यों करने लगे हैं शायद हर कोई अपने फैसले अलग से लेना चाहता है, अपने हिसाब से रहना चाहता है इसलिए इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होती है।

  वैसे हम देखें तो संयुक्त परिवार में रहने की सिर्फ लाभ ही लाभ है लेकिन कभी-कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि कई लोग मजबूरी में सिर्फ नौकरी या बिजनेस के लिए अपने परिवार से अलग दूर किसी शहर में रहते हैं जिससे उन्हें अपने माता पिता या दादा दादी से अलग रहना पड़ता है। आजकल के जमाने में यह सब काफी अधिक देखने को मिलता है।

दादा दादी का महत्व

दादा दादी का हमारे जीवन में काफी महत्व होता है दादा दादी हमें सही और गलत को समझने के बारे में सिखाते हैं। दादा-दादी ही हमें संस्कार देते हैं और दूसरों के प्रति अच्छा बर्ताव करना सिखाते हैं। जब बच्चा बोर होता है तो दादा-दादी के पास जाता है और दादा-दादी उन्हें कई तरह की मनोरंजक किस्से, कहानियां, चुटकुले आदि सुना कर उनका मनोरंजन करते हैं।

आजकल के जमाने में भी दादा दादी का काफी महत्व है क्योंकि आजकल देखा गया है कि कई पुरुष और स्त्री दोनों बाहर जॉब या बिजनेस करते हैं जिसके कारण वह अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते और कई बच्चे तो बिगड़ भी जाते हैं लेकिन ऐसी परिस्थिति में घर पर बच्चों की देखरेख के लिए दादा-दादी हो तो वास्तव में बच्चे संस्कारवान बनते हैं।

बच्चे पढ़ाई भी अच्छी तरह से करते हैं और वह अपने आप को खुशनसीब समझते हैं वास्तव में दादा दादी का पोता पोती के जीवन में बड़ा ही महत्व होता है। आजकल कई बच्चे मोबाइल, टीवी की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं लेकिन यदि उनके पास दादा-दादी होते हैं तो दादा दादी, पोता पोती को अच्छी अच्छी कहानियां, किस्से आदि सुनाते है, थोड़ा बहुत उनके साथ बच्चों जैसा बर्ताव करते हैं।

कभी-कभी तो वह पोता पोती के साथ खेलते भी हैं उन्हें लोरी गाकर सुनाते हैं तो वास्तव में यह उनके लिए बहुत ही अच्छा होता है और साथ में बच्चों का मनोरंजन भी होता है इसलिए वास्तव में दादा दादी का काफी महत्व होता है। दादा दादी का रिश्ता खुशी देने वाला होता है बच्चों के लिए यह रिश्ता काफी महत्वपूर्ण होता है। कभी-कभी तो बच्चे अपने दादा दादी से बिल्कुल भी दूर नहीं जाना चाहते हां और रोने लगते हैं।

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