दहेज नारी शक्ति का अपमान पर निबंध
दोस्तों नमस्कार, आज हम दहेज नारी शक्ति का अपमान पर निबंध लेकर आए हैं आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए आज के हमारे इस निबंध को पढ़ते हैं और परीक्षा की तैयारी करते हैं
प्रस्तावना - दहेज प्रथा वास्तव में नारी शक्ति का अपमान है हमें दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए और दहेज मांगने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए तभी नारी देश में सुरक्षित रह सकेगी क्योंकि दहेज प्रथा नारी शक्ति का अपमान तो है ही साथ में समाज के लिए एक अभिशाप भी है।
दहेज नारी शक्ति का अपमान है - दहेज प्रथा आज से शुरू नहीं हुई है बल्कि काफी पुराने समय से दहेज प्रथा चली आ रही है इस दहेज प्रथा को खत्म करना बेहद जरूरी है। आज के समय में दहेज प्रथा पर सरकार ने कई कड़े कानून भी बनाए हैं लेकिन फिर भी कई सारे लोग ऐसे होते हैं जो दहेज मांगने को अपना एकाधिकार समझते हैं। दहेज प्रथा की वजह से आज नारी सुरक्षित नहीं है एक तरह से नारी का अपमान है दहेज प्रथा।
कई लोग होते हैं जो शादी से पहले दहेज की मांग करते हैं तो कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो शादी के बाद भी अपनी बहू से दहेज की मांग के लिए दबाव डालते हैं।
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दहेज के लिए मना कर देते हैं लेकिन बाद में दहेज नहीं मिलने पर मांग करने लगते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए। आज के समय में दहेज प्रथा की वजह से कई मां-बाप को अपनी बेटी बोझ सी लगने लगी है।
जब घर में एक या एक से अधिक लड़कियां जन्म लेती हैं तो दहेज प्रथा की वजह से कई मां-बाप तो अपने सिर पर बोझ की तरह समझने लगते हैं क्योंकि वह समझते हैं कि आने वाले समय में जब हम इसका विवाह करवाएंगे तो काफी सारा धन हमको दहेज के रूप में देना पड़ेगा
वरना इसकी शादी नहीं हो पाएगी इसी सोच की वजह से मां बाप बेटी को बोझ समझते हैं और बेटी को भी लगता है कि मैं अपने मां-बाप के सिर पर बोझ हूं इस तरह की भावनाएं केवल दहेजप्रथा की वजह से जन्म लेती हैं।
भारत देश में जहां नारी को देवी का अवतार समझा जाता है जहां नारी को सम्मान दिया जाता है उसी भारत देश में कई लोग दहेज को लेकर अपनी बहू पर दबाव डालते हैं यह एक तरह से नारी का अपमान ही है।
हम सभी को चाहिए कि दहेज प्रथा की और विशेष रूप से ध्यान दें और देवी के अवतार नारी को अपमानित ना करें। आज के समय में दहेज की वजह से कई स्त्रियां आत्महत्या भी कर लेती हैं क्योंकि ससुराल वाले उनपर दहेज के लिए जबरदस्ती दबाव डालते हैं इस तरह की कई स्थितियां हमारे समाज में देखने को मिलती हैं, इससे एक तरह से नारी का अपमान ही होता है।
उपसंहार - वास्तव में हमें नारी का सम्मान करना चाहिए, नारी को देवी का अवतार समझना चाहिए और दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाना चाहए। ना दहेज मांगना चाहिए और ना दहेज देना चाहिए तभी एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकता है तभी लड़की को मां-बाप कभी बोझ नहीं समझेंगे।
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