Autobiography of radio in hindi
मैं रेडियो , मेरा आविष्कार ही वैज्ञानिक ने किया था । मैं लोगों को कई तरह की खबरें , कई तरह के सॉन्ग आदि सुनाता हूं यही मेरा कार्य है । आज से कुछ साल पहले मैं केवल एक बड़े आकार के रेडियो मैं ही था । हर गांव शहर में मैं चारों ओर देखने को मिलता था ।
लोग क्रिकेट मैच अधिकतर रेडियो पर ही सुनते थे । उन्हें यह सब बहुत ही पसंद था । लोग मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद करते थे लेकिन कहते हैं समय के साथ सब कुछ बदल जाता है । आजकल मुझे बहुत ही कम देखने को मिलता है । आजकल मैं सिर्फ मोबाइल में ही रह गया हूं ।
मोबाइल में लोग रेडियो सुनते हैं लेकिन बहुत ही कम सुनते हैं क्योंकि आजकल इंटरनेट का जमाना है । लोगों को जो भी सॉन्ग सुनना है , जो भी न्यूज़ देखनी हो वह इंटरनेट के माध्यम से देख लेते हैं । इस वजह से लोगों को मैं कम पसंद आता हूं । मैं रेडियो हूं मैं अपने जीवन में हमेशा इसलिए खुश रहता हूं इसलिए हमेशा गुनगुनाता रहता हूं क्योंकि मैं हमेशा दूसरों की मनोरंजन करने की कोशिश करता हूं ।
मेरा स्वभाव ही दूसरों की मदद करने का है चाहे दिन हो या रात सुबह हो या शाम मैं सिर्फ लोगों की मदद करना चाहता हूं । मैं लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना चाहता हूं यही मेरा कार्य है । मैं कभी भी रुकता नहीं हूं हमेशा चलता रहता हूं । लोग ही होते हैं जिनको जब भी मुझे नहीं सुनना होता है वह मुझे बंद कर देते हैं ।
आज भी कई लोग ऐसे हैं जो मेरे शौकीन हैं जो हमेशा सुबह शाम मुझे सुनते हैं । ऐसे लोगों को मैं भी बहुत पसंद करता हूं । बहुत सी जगह जहां पर इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है वहां पर लोग रेडियो के माध्यम से खबरें एवं गाने सुनना बहुत ही पसंद करते हैं । यही मेरी आत्मकथा है । दोस्तों हमारे द्वारा लिखा यह आर्टिकल आप अपने दोस्तों में शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें ।
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