Sunday 20 December 2020

भारतीय समाज का बदलता स्वरूप पर निबंध bhartiya samaj ka badalta swaroop in hindi

bhartiya samaj ka badalta swaroop in hindi

आज के इस आधुनिक युग में बहुत कुछ बदल रहा है। इस युग में भारतीय समाज का बदलता स्वरूप भी हमें देखने को मिलता है। समाज जिसका अर्थ होता है लोगों का एक साथ मिलजुलकर एक समूह में रहना। 
IMage source-
https://commons.m.wikimedia.org/wiki/File:Indian_Society_of_Oriental_Art_-_Group_Exhibition_-_Kolkata_2013-07-04_0821.JPG


आजकल के समय में समाज का बदलता स्वरूप वास्तव में हमें सोचने के लिए मजबूर कर देता है। भारतीय समाज मैं पहले से आज तक कई परिवर्तन हुए हैं। पहले कई सारी कुरुतिया समाज में थी, जिनकी वजह से हम सभी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन धीरे-धीरे यह समाज की कुरुतियां खत्म कर दी गई। 

भले ही समाज की कुरुतियां धीरे-धीरे लुप्त होती देखी जा रही हैं लेकिन फिर भी आजकल समाज में नई नई समस्याएं हमें चारों ओर देखने को मिलती हैं। समाज की कुरुतियां भी यहां तहां देखने को मिलती हैं। कई लोग ऐसे हैं जो इन समाज की कुरूतियो दहेज प्रथा, बाल विवाह प्रथा को बढ़ावा देते हैं, उनके लिए दहेज जैसी प्रथाये अपनी शानोशौकत होती है। समाज की यह कुरुतियां हमें इस वैज्ञानिक युग में भी देखने को मिलती हैं।

आजकल हम देखें तो बदलते समय में समाज में कई और भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं। पहले के समय में समाज के लोग एक दूसरे से मिलते थे, वार्तालाप करते थे लेकिन इंटरनेट के आने के बाद ज्यादातर लोग सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए अपने दोस्तों से जुड़ते हैं, अपने समाज से जुड़ते हैं। 

लोगो का समाज के लोगो से आमने सामने मिलना दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा हैं। पहले जैसा व्यवहार समाज में आजकल देखने को नहीं मिलता। आजकल हम देखें तो मनुष्य अपने लालच की वजह से कई ऐसे कार्य समाज में रहकर करता है जो उसे नहीं करने चाहिए। कई समाज के लोग समाज को एकजुट करने की कोशिश करते हैं लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो केवल अपने निजी स्वार्थ के लिए समाज के लोगों को बहलाते हैं। 

आजकल मनुष्य में कई बदलाव इस तरह के देखने को मिलते हैं। समाज में आजकल एकजुटता भी देखने को नहीं मिलती, एक दूसरे की बातों से भी सहमत बहुत ही कम लोग होते हैं। आजकल मनुष्य अपने कामकाज में अपने आपको इतना बिजी समझने लगा है कि वह समाज के लोगों से बातचीत करना, उनके साथ व्यवहार रखना भी बहुत ही कम पसंद करता है। भारतीय समाज में इस तरह के कई बदलाव हमें आजकल देखने को मिलते हैं। 

पहले लोग संयुक्त परिवार में भी मिलजुल कर खुशी-खुशी रहते थे लेकिन इस आधुनिक युग में लोग संयुक्त परिवार में रहना पसंद नहीं करते। कुछ लोग होते हैं जो संयुक्त परिवार में रहते हैं, कुछ लोग एकल परिवार में रहते हैं वह भी सुख शांति पूर्वक नहीं रह पाते। 

एकल परिवार में भी पति पत्नी देखे जाते हैं जिनमे झगड़े होते रहते हैं। जहां संयुक्त परिवार होता है वहां संयुक्त परिवार केवल कुछ समय का ही होता है क्योंकि आजकल संयुक्त परिवारों में कई तरह के लड़ाई झगड़े आदि देखने को मिलते हैं, जिस वजह से कई समस्याएं चारों और देखने को मिलती हैं। 

आजकल परिवार के सदस्यों के बीच में ठीक तरह से व्यवहार भी नहीं होता, बच्चे माता-पिता बड़े बुजुर्गों की नहीं सुनते, परिवार के सदस्यों मे अच्छा व्यवहार देखने को नहीं मिलता। आजकल ज्यादातर परिवार के सदस्य अपने हिसाब से जीवन जीना चाहते हैं, वह अपनी संस्कृति को नहीं समझते वह विदेशी संस्कृति, विदेशी पहनावे के हिसाब से अपने जीवन को जीना चाहते है। 
 
परिवार के सदस्यों के बीच में इसी तरह की बातों की वजह से कई झगड़े देखने को मिलते हैं। हमारे भारतीय समाज में इस तरह के झगड़े कई परिवारों में देखने को मिलते हैं। इस तरह के संयुक्त एवं एकल परिवार मैं झगड़ों की वजह से बच्चों पर भी बुरा असर पड़ता है। यह हमारे भारतीय समाज का बदलता स्वरूप ही है जिससे हमें सुदृढ़ बनाने की कोशिश करनी चाहिए। हमें हमारे भारतीय संस्कृति, सभ्यता को आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह लेख भारतीय समाज का बदलता स्वरूप पर निबंध आप अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूलें।

0 comments:

Post a Comment