Tuesday 3 November 2020

यदि साइकिल तूमसे बोलने लगी तो निबंध Yadi cycle tumse bolne lagi to hindi nibandh

Yadi cycle tumse bolne lagi to hindi nibandh

जीवन में हम कई कलाओं के बारे में सोचते हैं, कई कल्पना ऐसी होती हैं जिनके बारे में हम सोचते हैं कि यदि ऐसा होगा तो कितना अच्छा होगा। कभी-कभी मैं सोचता हूं कि यदि साइकिल तुमसे बोलने लगे तो क्या होगा? यदि साइकिल तुमसे बोलने लगे तो जब तुम साइकिल चलाओगे तो तुमसे पूछ पूछकर वह अपना रास्ता तय करेगी।

जब तुम साइकिल पर सवार होगे तो साइकिल तुमसे कह सकेगी कि उसको ज्यादा वजन लग रहा है या कम। यदि साइकिल तुमसे बोलने लगे तो कितना अच्छा होगा। जब तुम कहीं सफर कर रहे होगे तो साइकिल एक दोस्त की तरह तुमसे बातचीत करेगी, वह तुम्हारे सुख-दुख के बारे में सुनेगी, कुछ उपाय भी जरूर बताएगी। यदि साइकिल बोलने लगे तो वह तुम्हें बताएगी कि तुम्हारे परिवार के लोग यानी तुम्हारे माता-पिता, भाई-बहन उस साइकिल के द्वारा कहां कहां पर घूमकर आए हैं।

यदि साइकिल बोलने लगे तो वह बताएगी कि वह किस-किस जगह पर रहकर आई है, कैसे उसका निर्माण हुआ, उसको क्या जरूरत है सबकुछ वह बताएगी। साइकिल यदि तुमसे बोलने लगे तो कितना अच्छा होगा, तुम्हारा एक नया दोस्त तुम्हारे साथ होगा जो हर वक्त तुम्हारे साथ होगा जिसके मन में ना ईष्र्या होगी, ना लोभ लालच होंगे वह तो केवल सीधे मार्ग पर चलकर तुम्हारी सेवा ही करेगी।

अगर साइकिल बोलने लगे तो बहुत ही अच्छा होगा। जब हम साइकिल चलाते हैं तो हमें घंटी बजाना पड़ती है जिससे सामने वाले लोग घंटी की आवाज सुनकर दूर हट जाएं लेकिन जब साइकिल बोलने लगेगी तो वह चिल्ला चिल्लाकर कहेगी कि मेरे रास्ते से हट जाओ। वास्तव में साइकिल यदि बोलने लगे तो बच्चों को काफी खुशी होगी, छोटे छोटे नन्हे मुन्ने बच्चे साइकिल पर बैठे-बैठे बातें कर रहे होंगे।

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