Monday 13 July 2020

फ्रेंडशिप का महत्व पर निबंध importance of friendship essay in hindi

फ्रेंडशिप का महत्व पर निबंध

हम सभी के जीवन में फ्रेंडशिप का बहुत ही महत्व है। फ्रेंडशिप यानी दोस्ती दोस्ती दुनिया की ऐसी चीज है जो हर किसी के लिए महत्वपूर्ण होती है दोस्ती सिर्फ इंसानों ही नहीं जानवरों, पशु पक्षियों में भी होती है। दोस्ती का महत्व हर कोई समझ सकता है दोस्ती यानी दो प्राणियों के बीच एक ऐसा संबंध जिसमें वह एक दूसरे की मदद करते हो, एक दूसरे के प्रति समर्पित हो।

importance of friendship essay in hindi

 दोस्ती जीवन में बहुत ही जरूरी है क्योंकि कई बार ऐसा होता है जब हमें कुछ दोस्तों की जरूरत होती है हम यदि अकेले रहते हैं तो जाहिर सी बात है हम अकेले रहते रहते बोर हो जाते हैं तो हमें बातचीत करने के लिए या दूसरों से मदद लेने के लिए दोस्ती करना ही होता है। जब हम किसी से दोस्ती करते हैं तो सामने वाला व्यक्ति हमसे अपने दिल की बातें करता है और हमारी हर तरह से मदद करने की कोशिश करता है।

कई बार ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति के दोस्त न होने की वजह से वह अपने मन की बात किसी से शेयर नहीं करता और वह कई तरह के मानसिक रोगों का भी शिकार हो जाता है इसलिए दोस्ती महत्वपूर्ण है। कई बार ज्यादा दोस्त ना होने की वजह से व्यक्ति का अपने कामकाज में भी मन नहीं लगता जिससे उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दोस्ती ना होने की वजह से कई बार लोग ऐसी मुसीबतों में पड़ जाते हैं जिसकी वजह से जीवन में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

 दोस्ती जीवन में बहुत ही महत्व रखती है यदि कोई बीमार व्यक्ति है और उस बीमार व्यक्ति के हाल-चाल जानने के लिए, उनका ख्याल रखने के लिए यदि कुछ दोस्त हो तो सच में उस बीमार व्यक्ति की हालत में सुधार भी हो सकता है क्योंकि बीमारियां ज्यादातर हमारे दिलों दिमाग से सही होती हैं यदि हमारा दिमाग तंदुरुस्त होता है तो बीमारियां भी धीरे-धीरे ठीक होना शुरू हो जाती हैं और यदि हम थोड़े बहुत बीमार हैं और हमारे आस पास कोई दोस्त नहीं है हमारी मदद करने वाला, हमारे हालचाल जानने वाला, हमारे सुख दुख को अपना सुख दुख समझने वाला तो हमारी छोटी बीमारी भी बड़ा रूप ले लेती है इसलिए दोस्ती का जीवन में बहुत ही महत्व है।

दोस्ती का महत्व हम कुछ पुराने इतिहास जानकर भी समझ सकते हैं। भगवान श्री राम जब वनवास गए हुए थे तब माता सीता का हरण रावण ने कर लिया था भगवान श्रीराम को मदद के लिए कुछ दोस्तों की जरूरत थी तभी श्री रामचंद्र जी ने सुग्रीव से मित्रता की, भगवान श्री राम ने सुग्रीव की मदद की इसके बदले में सुग्रीव ने भी वादा किया कि वह भी श्री रामचंद्र जी की मदद करेंगे और वह भी कुछ ऐसा ही सुग्रीव ने भी भगवान श्री राम की मदद की और कुछ समय बाद माता सीता को साथ में लेकर श्री रामचंद्र जी अयोध्या गए।

 भगवान श्रीराम ने मित्रता को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया था इसी तरह से इतिहास में हमें कई ऐसे उदाहरण देखने को मिल सकते हैं जिनसे हम समझ सकते हैं कि जीवन में दोस्ती का बहुत ही महत्व होता है

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