Monday 27 July 2020

मेरी प्रथम मेट्रो यात्रा पर निबंध Essay on my first metro journey in hindi

मेरी प्रथम मेट्रो यात्रा पर निबंध

आज मैं आपको बताने वाला हूं मेरी प्रथम मेट्रो ट्रेन यात्रा के बारे में। अक्सर हम सभी बहुत से वाहनों के जरिए यात्रा करते हैं मैंने भी बहुत सारी जगहों पर कई तरह के वाहनों के जरिए यात्रा की है लेकिन मेरी प्रथम मेट्रो यात्रा आज भी मुझे याद है।जब मैंने पहली बार मेट्रो ट्रेन में यात्रा की थी तो मुझे ऐसा लगा कि मैं इसमें रोजाना यात्रा करुं दरअसल मैं दिल्ली के पास एक गांव का रहने वाला हूं।
   Essay on my first metro journey in hindi

हम सभी दोस्त अक्सर हमारे स्कूल की छुट्टियों में घूमने के लिए कहीं जाते रहते थे लेकिन दिल्ली कभी आना जाना नहीं हुआ। एक बार स्कूल की छुट्टियों में हमने दिल्ली जाने का विचार किया, दिल्ली में हमने कई स्थलों की यात्रा की, इसी के साथ में हमने मेट्रो ट्रेन में यात्रा करने का विचार किया।

 हम सभी दोस्त जब मेट्रो ट्रेन की यात्रा करने के लिए मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे तो हमने देखा कि चारों ओर साफ-सफाई है, ऐसा लग रहा था कि मैं किसी नई दुनिया में आ गया। कुछ देर इंतजार करने के बाद एकदम समय पर मेट्रो ट्रेन आ गई और हम सभी दोस्त उस मेट्रो ट्रेन में चल रहे थे। मेट्रो ट्रेन के जो दरवाजे होते हैं वह स्वचालित होते हैं वह अपने आप ही कुछ देर के लिए खुलते हैं और अपने आप ही बंद हो जाते हैं।

जब मैं ट्रेन के अंदर गया तो मुझे काफी खुशी हुई, मेट्रो ट्रेन के कोच मैं भी काफी साफ-सफाई थी, बहुत ही अच्छा वातावरण था। कुछ देर बाद जब मेट्रो ट्रेन चलना शुरू हुई तो मुझे बहुत ही अच्छा आराम लगा, मेट्रो ट्रेन में सफर जब मैंने पहली बार किया तो मुझे ऐसा लगने लगा कि मुझे रोजाना ही इस ट्रेन में सफर करना चाहिए।

अगली साल में इसी दिल्ली शहर में पढ़ाई करने के लिए आने वाला था तो मैंने अपने दोस्तों से कहा कि मैं तो रोजाना मेट्रो ट्रेन में सफर करने के लिए अब दिल्ली में ही रहा करूंगा और रोजाना इस मेट्रो ट्रेन से घूमा करूंगा वास्तव में मेट्रो ट्रेन में बैठने का मेरा अनुभव बहुत ही अच्छा रहा। कहते हैं कि बाहर जिन वाहनों से हम सफर करते हैं उन वाहनों की वजह से धूल एवं धूंआ भी उड़ता है जिस वजह से बहुत सारी परेशानी का सामना लोगों को करना पड़ता है लेकिन मेट्रो ट्रेन मैं ऐसा नहीं होता, मेट्रो ट्रेन भीड़भाड़ से मुक्त होती है इसमें धूल आदि नहीं होती। यह नियमित अंतराल पर चलती है।

पहली बार जब मैंने मेट्रो ट्रेन में यात्रा की तो मैंने यात्रा करने के लिए टोकन खरीदा था। मेट्रो ट्रेन में चारों ओर साफ-सफाई दिख रही थी, जनता का भी कर्तव्य है इसे हमेशा साफ सफाई रखने का प्रयत्न करें। मेट्रो रेल में पहली बार यात्रा करने का मेरा सफर काफी रोचक रहा। मैं जब मेट्रो ट्रेन से उतरा तो मुझे अच्छा नहीं लगा, मुझे लगा कि मुझे और कुछ समय के लिए भी इसमें यात्रा करना चाहिए।

कुछ समय बाद जब मैं अपने घर पर पहुंचा तो कुछ दिनों तक अपने दोस्तों एवं परिवार वालों से केवल अपने मेट्रो रेल में किए जाने वाले सफर के बारे में मैं बात करता था क्योंकि पहली बार मेट्रो रेल में सफर करने का मेरा एक्सपीरियंस बहुत ही अच्छा था।

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा मेरी पहली यात्रा मेट्रो ट्रेन पर निबंध आप सभी को कैसा लगा हमें जरूर बताएं, इस आर्टिकल को अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले।

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