an evening at the seashore essay in hindi
दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी आज हम आपके लिए लाए हैं समुद्र तट पर एक शाम के बारे में मेरे द्वारा लिखित निबंध तो चलिए पड़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को।
अक्सर लोगों को सुबह शाम घूमना बहुत ही अच्छा लगता है कई लोग होते हैं जो सुबह घूमते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सुबह शाम दोनों समय घूम पाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो किसी कारण बस सुबह घूम नहीं पाते वह श्याम को कई ऐसे स्थानों पर घूमने के लिए जाते हैं जहां पर घूमने से उन्हें दिन भर की थकान से निजात मिलती है और वह अपने जीवन में काफी खुश हो जाते हैं।
ऐसी ही एक दिन की श्याम जो मैंने समुद्र तट पर बीताई थी वह मुझे आज भी याद है श्याम के समय जब मैं अपने ऑफिस से फ्री हुआ तो मेरी दोस्त ने श्याम को समुद्र तट पर चलने की बात कही अब समुद्र तट पर घूमने की बात सुनकर मैं अपने दोस्त की बात को मना ना कर सका।
मैं श्याम को अपने दोस्त के साथ समुद्र तट पर घूमने के लिए चला गया समुद्र तट की वह श्याम आज मुझे अच्छी तरह से याद है उस दिन में अपने मित्र के साथ काफी प्रसन्न था मैंने देखा कि चारों और बहुत ही शीतल जल है जो मुझे इतनी खुशी दे रहा है। मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं अब यहीं पर रात्रि बिताऊं हम दोनों मित्र श्याम को उस समुद्र तट पर एक जगह देख कर बैठ गए और अपने जीवन की कई नई पुरानी बातें करने लगे।
हमें वहां पर इधर-उधर की बातें करना बहुत ही अच्छा लग रहा था समुद्र तट पर हमारी तरह कई सारे लोग आए हुए थे जिनमें बच्चे, नौजवान पुरुष और सभी थे जो अपनी फैमिली के साथ श्याम बिताने के लिए आए हुए थे मुझे यह दृश्य देखने में काफी खुशी का अनुभव हुआ। मैंने देखा इस समुद्र तट पर कुछ नावे भी रखी हुई हैं जिनके जरिए लोग समुद्र तट की शेयर कर सकते हैं।
कई सारे लोग नवो में बैठकर समुद्र में शेयर कर रहे थे मेरा भी मन हुआ तो मैंने अपने मित्र से कहा और फिर हम समुद्र की यात्रा नाव से करने लगे सच में मुझे बहुत ही अच्छा लगा। समुद्र में घूमने में मैंने पहली बार ही समुद्र में नाव के द्वारा यात्रा की थी फिर वापस हम समुद्र तट के पास आ गए और वहीं पर कुछ समय के लिए बैठ कर इधर-उधर की बातें करने लगे।
समुद्र तट के किनारे कई तरह के पेड़ पौधे थे जिन्हें देखकर काफी प्रसन्नता हो रही थी, कई हरे भरे पेड़ पौधे कई तरह के फूल वातावरण को रमणीय बना रहे थे। मैंने देखा कि पेड़ पौधों के अलावा वहां पर कई सुंदर पक्षी भी थे जो समुद्र के ऊपर विचरण कर रहे थे,।कई पक्षी जो पेड़ पौधों पर बैठे हुए थे, कई समुद्र के किनारे पर से अपनी मधुर आवाज से वातावरण को रमणीय बना रहे थे यह दृश्य देखकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई क्योंकि मैंने यह दृश्य कभी भी नहीं देखा था।
मेरा वह अनुभव मुझे काफी खुशी दे रहा था मेरी प्रसंता का कोई ठिकाना नहीं था मैंने अपने मित्र से कहा कि अब तो कई बार श्याम को हम लोग इसी समुद्र के किनारे पर घूमने आया करेंगे वह भी मेरी बात से सहमत हुआ और फिर हम वहां से अपने घर आ गए। समुद्र तट पर विताई हुई यह श्याम मैं भूल ही नहीं रहा था मैं बार-बार अपने पत्नी और बच्चों से कह रहा था वह भी अगली शाम को समुद्र तट पर घूमने जाने के लिए काफी लालआए थे। वास्तव में श्याम के समय समुद्र तट पर घूमना काफी प्रसन्न कर देता है।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखित समुद्र तट पर एक शाम पर निबंध आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब करना ना भूलें।
This paragraph is so big that I can't understand anything but it's good it helped me alot because today was my exam so thank you so much ❤🙏🏻
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