Monday, 6 April 2020

मेरा शौक मेरा जुनून essay in hindi

मेरा शौक मेरा जुनून essay in hindi


दोस्तों नमस्कार आज हम आपके लिए लाए हैं मेरा शौक मेरा जुनून पर मेरे द्वारा लिखित यह निबंध आप इसे जरूर पढ़ें तो दोस्तों चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को ।

वैसे तो आप लोगों के कई सारे शौक होते हैं लेकिन एक ऐसा भी शौक होता है जो उस व्यक्ति का जुनून होता है वह हर हालत में अपने शौक को पूरा करता है। इसी तरह से मेरे भी कई सारे शौक हैं लेकिन एक शौक मुझे अपनी ओर खींच लेता है। वह शौक है कहानियां पढ़ना मुझे कहानियां पढ़ना बहुत ही भाता है भले ही मेरी उम्र अभी 27 साल है लेकिन मुझे फिर भी सबसे ज्यादा जानवरों की, जंगली जानवरों की कहानियां पढ़ना बहुत पसंद आता है क्योंकि वह कहानी काफी शिक्षाप्रद भी होती हैं।

जो इंसान बताई जाने वाली बातों से नहीं सीख पाता वही इंसान वह सीख केवल एक छोटी सी कहानी से सीख जाता है। लोगों को कहानी सुनने में काफी इंटरेस्ट भी आता है मेरा शौक है कि मैं हमेशा घर में ऐसी ऐसी कहानियों की किताबें रखें जो शिक्षाप्रद एवं जंगली जानवरों की हो।

 मैं हमेशा उन किताबों को नाइट में सोने से पहले पढ़ना पसंद करता हूं क्योंकि नाइट में, मैं फ्री रहता हूं और मुझे किताबें पढ़ना बहुत ही भाता है यह मेरा सबसे बड़ा शौक हैं। मैं अपने घर में कहानियों की किताब रखने का शौक रखता हूं। कहानियों की किताबें मैंने अपनी एक अलमारी में सजाके रखी है मैं हमेशा जब भी किताबों की दुकानों पर जाता हूं तो जरूर ही कुछ कहानियों की किताब भी लाता हूं क्योंकि मेरी इनमें काफी ज्यादा रुचि है।

 कहानियां ही कहानियां पढ़ना ही मेरा सबसे बड़ा शौक है।अक्सर बच्चों को बचपन में कहानियां बहुत ही पसंद आती हैं लेकिन बच्चे जैसे जैसे बड़े हो जाते हैं उनका यह शौक खत्म हो जाता है और वह अपने पढ़ाई में या अपने किसी कार्य में मग्न हो जाते हैं लेकिन कहानियां पढ़ने का मेरा शौक दिना दिन मेरा जुनून बनता जा रहा है मुझे अच्छी सी कहानियां पढ़े बगैर नींद नहीं आती क्योंकि यह मेरा जुनून है।

मेरे घर में प्रत्येक सदस्य को पता है की कहानियां पढ़ना मेरा शौक ही नहीं मेरा जुनून है मैं कहानियां पढ़े बगैर नहीं रह पाता जब भी मुझे फ्री टाइम मिलता है मैं कहानियों की किताबों से कहानियां पढ़ता हूं स्कूल में भी जब मुझे फ्री टाइम मिलता था तो मैं कहानियां ही पड़ता था। मेरे अध्यापक सोचते थे कि यह लड़का तो काफी पढ़ाकू है हमेशा पढ़ता रहता है वास्तव में मेरे अध्यापक भी मेरी इस आदत से खुश थे।

 मेरे माता-पिता भी कहते हैं कि कई सारे बच्चे जो बाहर खेलते हैं माता-पिता को कई तरह से परेशान करते हैं लेकिन हमारा लड़का तो घर में किताबें पढ़ने में ही ज्यादा रुचि लेता है इतनी उम्र होने के बावजूद भी मेरा शौक मेरा जुनून बनता जा रहा है। 
तो दोस्तों मेरे द्वारा लिखा है यह आर्टिकल मेरा शौक मेरा जुनून पर निबंध आपको कैसा लगा इसी तरह के आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें और हमें कमेंट करके बताएं।

0 comments:

Post a Comment