Hindi essay on aa bail mujhe maar
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल आ बैल मुझे मार आप सभी के लिए बहुत ही खास जानकारी देने वाला आर्टिकल है इस आर्टिकल को हमने कहावत के जरिए लिखा है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी जो अपने कर्म के द्वारा बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी निकाल लेता है और हम गलत मार्ग पर चलकर छोटी से छोटी समस्या को एक दिन बहुत बड़ी बनाकर मुसीबत में फंस जाता है उस व्यक्ति की दशा ऐसी होती है कि आ बैल मुझे मार तो आइए पढ़ते हैं हमारे इस Hindi essay on aa bail mujhe maar आर्टिकल के बारे में।
हम दो दोस्त थे आपस में हमारा मेलजोल बहुत ही अच्छा था हम दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे मेरा दोस्त उस कंपनी का मैनेजर था और मैं लेखक का काम करता था हम दोनों टाइम मिलते ही एक दूसरे से हंसी मजाक करते थे और जिंदगी में बहुत खुश रहते थे इसी तरीके से हमारी जिंदगी आगे बढ़ती गई और हमारे दिन निकलते गए।
एक दिन हमारे साथ बहुत बड़ी घटना हुई हम दोनों कार से एक होटल जा रहे थे जहां पर मीटिंग थी लेकिन रास्ते में ट्रैफिक जाम लगने की वजह से हमारी मीटिंग कैंसिल हो गई जैसी ट्राफिक जाम हट गया वैसे ही हम आगे बढ़े आगे हमने देखा की कुछ लुटेरे एक बैंक को लूट कर भाग रहे थे जैसे ही हम वहां पहुंचे तो उन लोगों ने हमारी कार को रोकने की कोशिश की लेकिन हम आगे निकल चुके थे.
मेरे दोस्त ने मुझसे बोला कि हमें उन लोगों को रोकना था जो कार चला रहा था वह कहने लगा अब वापस चल कर रोकते हैं तो वो लोग वापस अपनी कार ले गए जहां पर उन लुटेरों ने एक बच्चे को पकड़ रखा था वह किसी वाहन की तलाश में थे जैसे ही मेरे दोस्त की गाड़ी वहां पर पहुंची तो उन लोगों ने उस बच्चे को छोड़कर हमारी गाड़ी में बैठ गए और हमें धमकी दी कि हमें आगे तक छोड़ना है किसी भी तरह से हम लोगों ने उन लुटेरों को आगे तक छोड़ दिया.
उस दिन से मेरे दोस्त को समझ आया कि किसी ने सच ही कहा है 'आ बैल मुझे मार' हमें भूल कर भी मूर्खों जैसा काम नहीं करना चाहिए.
दोस्तों हमें कमेंट के जरिए बताइए कि आपको हमारा आर्टिकल Hindi essay on aa bail mujhe maar कैसा लगा इसी तरह के नए-नए आती कल को अपनी ईमेल पर पाने के लिए हमें सब्सक्राइब जरूर करें और हमारा Facebook पेज लाइक करना ना भूलें
0 comments:
Post a Comment