विज्ञापन की चकाचौंध पर निबंध
आज हमारे भारत देश में विज्ञापन की चकाचौंध से हर भारतवासी काफी प्रभावित है विज्ञापनों की चकाचौंध हम सभी के लिए सही नहीं है आज हम देखें तो टीवी, इंटरनेट, मोबाइल, अखबार के माध्यम से विज्ञापन किए जाते हैं पहले जहां विज्ञापन केबल टीवी और अखबारों तक ही सीमित थे आज इंटरनेट के इस आधुनिक युग में विज्ञापनों ने काफी तेजी बढ़ा दी है।
vigyapan ki chakachaundh par niband
आज विज्ञापनों की चारों और चकाचौंध है जहां पर भी हम देखें वहां कंपनियां अपना विज्ञापन कर रही हैं जो कंपनी विज्ञापन पर पैसा खर्च करती है वह आगे बढ़ रही है यदि कुछ कंपनियों के प्रोडक्ट अच्छे हो और उसका विज्ञापन ना हो तो शायद उस कंपनी का कोई भविष्य नहीं होगा क्योंकि विज्ञापन आजकल के जमाने की जरूरत है। विज्ञापन की वजह से हमें कई कंपनियों के ऐसे प्रोडक्ट के बारे में जानकारी मिलती है जिनके बारे में जानना बहुत ही जरूरी होता है जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं जिनको हम खरीद कर अपने जीवन में काफी बदलाव लाते हैं।
जिन से हमें काफी लाभ प्राप्त होता है लेकिन विज्ञापन कि इस चकाचौंध में कई सारे ऐसे हम तक पहुंचते हैं जिनसे हमें कोई भी लाभ नहीं होता या कभी-कभी तो हमको उससे कुछ नुकसान भी होता है दरअसल विज्ञापनों की चकाचौंध में आजकल मानव ऐसे फँसता जा रहा है कि वह समझ नहीं पाता कि आखिर मुझे किस तरह के किस कंपनी के प्रोडक्ट उपयोग करना चाहिए वह तो बस लुभावने विज्ञापनों को देखकर अपनी जरूरतों की सामग्री खरीदता है।
आजकल विज्ञापनों की चकाचौंध में लगभग हर तरह के प्रोडक्ट का विज्ञापन हमें चारो और देखने को मिलता है चाहे वह घर में उपयोग करने वाली कोई सामग्री हो चाहे कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम हो या कुछ सेहत को तंदुरुस्त रखने वाली कोई आयुर्वेदिक दवाई हो हर तरह के प्रोडक्ट का विज्ञापन हमें देखने को मिलता है और विज्ञापन की चकाचौंध में हम फसते चले जाते हैं।
आज विज्ञापनों के जरिए लोग लाखों करोड़ों रुपए कमाते हैं क्योंकि विज्ञापनों की चकाचौंध में शायद विज्ञापन के बगैर किसी भी कंपनी का किसी भी प्रोडक्ट का कुछ भी भविष्य नहीं होगा क्योंकि लोग किसी कंपनी या प्रोडक्ट पर विज्ञापन देखकर ही विश्वास करते हैं।
कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने आस पड़ोस वालों के कहने पर उन पर विश्वास नहीं करते लेकिन टीवी, अखबार या इंटरनेट पर देखे गए विज्ञापनों पर वह तत्काल विश्वास कर लेते हैं यह विज्ञापनों की चकाचौंध ही तो है हम सभी को चाहिए कि विज्ञापनों की चकाचौंध से हम बचें और अपने स्वयं के विवेक से काम लें तभी हम जीवन में खुद को और अपने परिवार को अपने देश को बचा सकते हैं और आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं।
विज्ञापन के इस दौर में विज्ञापनों की ज्यादा मांग होने की वजह से प्रोडक्ट महेंगे हो रहे हैं और महंगाई बढ़ रही है आखिर इन विज्ञापनों की जरूरत ही क्या पड़ती है दरअसल विज्ञापनों की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि हमारा भारत देश बहुत ही बड़ा देश है इसमें रोजाना कई सारी कंपनियां आती हैं उनको चलाने के लिए उनको अपने प्रोडक्ट मार्केट में बेचने होते हैं जिसके लिए वह जल्द से जल्द फायदे के लिए विज्ञापन करती हैं कई कंपनियां अच्छी होती हैं लेकिन कई कंपनियां धोखेबाज भी होती हैं जो कि कई लोगों का पैसा बर्बाद करती हैं।
ऐसे विज्ञापनों की चकाचौंध में हम अपना पैसा बर्बाद करते हैं और अपनी जरूरतों का सामान भी हमें सही तरह से नहीं मिल पाता हमें विज्ञापनों की चकाचौंध से दूर रहना चाहिए और इस तरह के लुभावने विज्ञापनों के बारे में जानकर अपने स्वयं के विवेक से हमें जीवन में कुछ करना चाहिए तभी हम अपने परिवार के लिए अपने देश के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखा विज्ञापनों की चकाचौंध पर निबंध आपको कैसा लगा हमें जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल को पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब करना ना भूलें।
आज हमारे भारत देश में विज्ञापन की चकाचौंध से हर भारतवासी काफी प्रभावित है विज्ञापनों की चकाचौंध हम सभी के लिए सही नहीं है आज हम देखें तो टीवी, इंटरनेट, मोबाइल, अखबार के माध्यम से विज्ञापन किए जाते हैं पहले जहां विज्ञापन केबल टीवी और अखबारों तक ही सीमित थे आज इंटरनेट के इस आधुनिक युग में विज्ञापनों ने काफी तेजी बढ़ा दी है।
vigyapan ki chakachaundh par niband
आज विज्ञापनों की चारों और चकाचौंध है जहां पर भी हम देखें वहां कंपनियां अपना विज्ञापन कर रही हैं जो कंपनी विज्ञापन पर पैसा खर्च करती है वह आगे बढ़ रही है यदि कुछ कंपनियों के प्रोडक्ट अच्छे हो और उसका विज्ञापन ना हो तो शायद उस कंपनी का कोई भविष्य नहीं होगा क्योंकि विज्ञापन आजकल के जमाने की जरूरत है। विज्ञापन की वजह से हमें कई कंपनियों के ऐसे प्रोडक्ट के बारे में जानकारी मिलती है जिनके बारे में जानना बहुत ही जरूरी होता है जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं जिनको हम खरीद कर अपने जीवन में काफी बदलाव लाते हैं।
जिन से हमें काफी लाभ प्राप्त होता है लेकिन विज्ञापन कि इस चकाचौंध में कई सारे ऐसे हम तक पहुंचते हैं जिनसे हमें कोई भी लाभ नहीं होता या कभी-कभी तो हमको उससे कुछ नुकसान भी होता है दरअसल विज्ञापनों की चकाचौंध में आजकल मानव ऐसे फँसता जा रहा है कि वह समझ नहीं पाता कि आखिर मुझे किस तरह के किस कंपनी के प्रोडक्ट उपयोग करना चाहिए वह तो बस लुभावने विज्ञापनों को देखकर अपनी जरूरतों की सामग्री खरीदता है।
आजकल विज्ञापनों की चकाचौंध में लगभग हर तरह के प्रोडक्ट का विज्ञापन हमें चारो और देखने को मिलता है चाहे वह घर में उपयोग करने वाली कोई सामग्री हो चाहे कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम हो या कुछ सेहत को तंदुरुस्त रखने वाली कोई आयुर्वेदिक दवाई हो हर तरह के प्रोडक्ट का विज्ञापन हमें देखने को मिलता है और विज्ञापन की चकाचौंध में हम फसते चले जाते हैं।
आज विज्ञापनों के जरिए लोग लाखों करोड़ों रुपए कमाते हैं क्योंकि विज्ञापनों की चकाचौंध में शायद विज्ञापन के बगैर किसी भी कंपनी का किसी भी प्रोडक्ट का कुछ भी भविष्य नहीं होगा क्योंकि लोग किसी कंपनी या प्रोडक्ट पर विज्ञापन देखकर ही विश्वास करते हैं।
कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने आस पड़ोस वालों के कहने पर उन पर विश्वास नहीं करते लेकिन टीवी, अखबार या इंटरनेट पर देखे गए विज्ञापनों पर वह तत्काल विश्वास कर लेते हैं यह विज्ञापनों की चकाचौंध ही तो है हम सभी को चाहिए कि विज्ञापनों की चकाचौंध से हम बचें और अपने स्वयं के विवेक से काम लें तभी हम जीवन में खुद को और अपने परिवार को अपने देश को बचा सकते हैं और आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं।
विज्ञापन के इस दौर में विज्ञापनों की ज्यादा मांग होने की वजह से प्रोडक्ट महेंगे हो रहे हैं और महंगाई बढ़ रही है आखिर इन विज्ञापनों की जरूरत ही क्या पड़ती है दरअसल विज्ञापनों की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि हमारा भारत देश बहुत ही बड़ा देश है इसमें रोजाना कई सारी कंपनियां आती हैं उनको चलाने के लिए उनको अपने प्रोडक्ट मार्केट में बेचने होते हैं जिसके लिए वह जल्द से जल्द फायदे के लिए विज्ञापन करती हैं कई कंपनियां अच्छी होती हैं लेकिन कई कंपनियां धोखेबाज भी होती हैं जो कि कई लोगों का पैसा बर्बाद करती हैं।
ऐसे विज्ञापनों की चकाचौंध में हम अपना पैसा बर्बाद करते हैं और अपनी जरूरतों का सामान भी हमें सही तरह से नहीं मिल पाता हमें विज्ञापनों की चकाचौंध से दूर रहना चाहिए और इस तरह के लुभावने विज्ञापनों के बारे में जानकर अपने स्वयं के विवेक से हमें जीवन में कुछ करना चाहिए तभी हम अपने परिवार के लिए अपने देश के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं।
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