Saturday 2 May 2020

जब मेरी जेब कट गयी jab meri jeb kat gayi essay in hindi

जब मेरी जेब कट गयी

एक बार मैं अपने दोस्तों के साथ एक तीर्थ स्थल की सैर करने के लिए गया हुआ था मेरे साथ मेरे दोस्त और भी थे लेकिन यात्रा का वह समय ऐसा था जब मेरी जेब कट गई। दरासल कुछ यूं था कि रात के 9:00 बजे हम अपने शहर से रेलगाड़ी में बैठकर एक तीर्थ स्थल मथुरा पहुंचने वाले थे मैं और मेरे सभी दोस्त काफी उत्साहित थे विशेषकर में मथुरा पहुंचने में काफी उत्साहित था।


 कुछ समय बाद ही सुबह के समय हम मथुरा पहुंचने ही वाले थे हम सभी रात में उस रेल गाड़ी में सो रहे थे लेकिन मेरी नींद खुल रही थी मैंने अपने सभी दोस्तों को आवाज दी सभी जाग गए क्योंकि मथुरा स्टेशन आने वाला ही था जैसे ही मथुरा आया तो हम सभी मथुरा स्टेशन पर उतरे हम एक साथ मथुरा स्टेशन से बाहर निकलने ही वाले थे कि तभी एक व्यक्ति दौड़ते हुए मुझसे आगे निकल गया मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी जेब कट गई तभी एक व्यक्ति ने पीछे से आवाज़ लगाई चोर चोर चोर मैंने सबसे पहले पीछे मुड़कर देखा उसके बाद मैं आगे देखने लगा तो मैंने देखा कि वह व्यक्ति जो मेरे साथ साथ अभी तक चल रहा था वही व्यक्ति मुझ में धक्का मारते हुए आगे निकल गया है।


जब मैंने अपने पेंट की पीछे वाली जेब देखी तो मैंने महसूस किया कि मेरा पर्स गायब है वह चोर मेरी ही जेब काट के चला गया है और भीड़ भाड़ में मुझे पता ही नहीं चला कि मेरे साथ क्या हुआ जब मेरे एक दोस्त को पता लगा तो वह उस चोर के पीछे दौड़ने लगा उसने काफी कोशिश की उस चोर को पकड़ने की लेकिन वह उस चोर को नहीं पकड़ सका। मुझे काफी दुख था की मेरे पास में काफी रुपए रखे हुए थे तभी हम सभी दोस्त पास की ही पुलिस स्टेशन में यह रीपोर्ट लिखवाने के लिए गए लेकिन शायद अब क्या कह सकता था क्योंकि मैंने तो उस जेब काटने वाले व्यक्ति की शक्ल भी सही से नहीं देखी थी।

 मुझे काफी अफसोस था कि मेरी जेब कट गई है फिर हम सभी मथुरा तीर्थ स्थल में भगवान के दर्शन करने के बाद अपने-अपने घर आ गए। अपने जीवन की यह घटना मुझे अक्सर याद आती है क्योंकि मैं एक ऐसे शहर से हूं जहां पर मैंने ऐसा कभी कुछ सुना ही नहीं है मथुरा जैसे शहरों में काफी इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं क्योंकि वहां पर काफी लोग बाहर से तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए आते हैं।


 भीड़भाड़ वाले स्थलों पर इस तरह के चोर घूमते रहते हैं मैं घर पर आया मुझे थोड़ा दुख जरूर था लेकिन काफी खुशी थी कि मैंने मथुरा के तीर्थ स्थलों को दर्शन करने का लाभ उठाया मुझे काफी खुशी हुई थी मैं इस घटना से काफी कुछ सबक ले चुका हूं अक्सर अब मैं जब भी कहीं बाहर जाता हूं तो अपने पर्स एवं पैसे को काफी संभाल कर रखता हूं।

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