If i am a doctor essay in hindi
यदि मैं डॉक्टर होता तो कितना अच्छा होता मैं हमेशा खुश होता क्योंकि मेरा शुरू से ही सपना एक डॉक्टर बनना था मैं हमेशा से ही सोचता रहता था कि मैं बड़ा होकर दूसरों की मदद करूंगा हर तरह से उन्हें खुश रखने की कोशिश करूंगा।
इसी विचारधारा को सोचते सोचते एक दिन मेरे मन में यह विचार आया कि यदि मैं डॉक्टर होता तो वास्तव में मैं दूसरों को, मरीजों को खुशी देने में काफी सहयोग प्रदान करता। आज हम देखेे हैं तो इंसान को बीमारियों ने घेर रखा है कई तरह की बीमारियां इंसान को सताती हैं जिससे इंसान कई रोगों से ग्रस्त होकर अपने जीवन में दुखी होता है उसका काफी पैसा बीमारी में ही बर्बाद हो जाता है।
बीमारी के वजह से उसके परिवार वाले भी उसको देखकर काफी दुखी होते हैं वह सोचते हैं कि काश एक अच्छा डॉक्टर हमारे परिवार के सदस्य का उपचार करके इसे रोगों से मुक्त कर दें। एक बीमार व्यक्ति जब घर में रहता है तो वह वो बीमार होता ही है लेकिन उसके परिवार वालों की स्थिति भी किसी बीमार व्यक्ति की तरह ही हो जाती है यदि मैं डॉक्टर होता तो वास्तव में ऐसे लोगों को सहयोग देने में, मैं मदद प्रदान करता।
मैं हमेशा जीवन में अपने मरीजों के लिए ही कार्यकर्ता और मेरा जो सपना है कि मैं दूसरों की मदद करूं, उनकी सेवा करूं यह सपना भी मेरा पूरा होता क्योंकि मैं डॉक्टर बनकर गरीब, बेसहारा और निर्धन मरीजों की मदद करता तो वास्तव में मुझे काफी सुकून महसूस होता। मेरे पिताजी भी एक समाज सुधारक रहे हैं उन्होंने समाज में सुधार लाने के लिए काफी प्रयत्न किया और देश के लिए कार्य किया इसी वजह से मेरे दिल और दिमाग में भी हमेशा दूसरों के लिए भावनाएं हैं।
मैं डॉक्टर बनकर दूसरों की सेवा करना चाहता हूं क्योंकि वास्तव में असली खुशी मेरी नजर में दूसरों को खुशी देने में ही होती है डॉक्टर बनकर जीवन में अपने इस सपने को साकार करना चाहता हूं।
मैं यदि डॉक्टर होता तो मुफ्त में, मैं अपने मरीजों का इलाज करता क्योंकि मेरे पास वैसे भी पैसों की कोई कमी नहीं है मेरे पिता एक समाज सुधारक के साथ में एक बड़े बिजनेसमैन भी हैं हमारे पास बहुत सारा पैसा है मुझे बस जरूरत है दूसरों की सेवा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की।
मैं यदि डॉक्टर होता तो मुफ्त में, मैं अपने मरीजों का इलाज करता क्योंकि मेरे पास वैसे भी पैसों की कोई कमी नहीं है मेरे पिता एक समाज सुधारक के साथ में एक बड़े बिजनेसमैन भी हैं हमारे पास बहुत सारा पैसा है मुझे बस जरूरत है दूसरों की सेवा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की।
मैं यदि डॉक्टर बन जाता तो अपने शहर में एक बड़ा हॉस्पिटल खोलता और उसमें अन्य डॉक्टरों को रखकर मुफ्त में ही मरीजों का उपचार करता तो कितना अच्छा होता। मैं मरीजों से आशीर्वाद प्राप्त करके जीवन में बहुत ज्यादा खुशी महसूस करता।
यदि मैं डॉक्टर होता तो मेरे पिताजी भी बहुत ही खुश होते क्योंकि वह भी एक समाज सुधारक रह चुके हैं वह हमेशा से ही गरीबों की मदद करना पसंद करते हैं।
समाज को सुधारने के प्रयत्न करते हैं।
यदि मैं डॉक्टर होता तो मेरे पिताजी भी बहुत ही खुश होते क्योंकि वह भी एक समाज सुधारक रह चुके हैं वह हमेशा से ही गरीबों की मदद करना पसंद करते हैं।
समाज को सुधारने के प्रयत्न करते हैं।
जब मैं छोटा था तभी पापा मुझसे कहते थे कि बेटा तू बड़ा होकर ऐसा काम करना जिससे दूसरों की ज्यादा से ज्यादा मदद हो सके और हम किसी रोते हुए दुखी व्यक्ति के चेहरे पर खुशी ला सकें वास्तव में यदि मैं डॉक्टर होता तो मेरे पापा से ज्यादा खुशी किसी को ना होती मेरी मां भी मुझे एक बड़ा डॉक्टर बनते हुए देखना चाहती थी क्योंकि मेरे पिताजी के साथ में मेरी मां भी एक समाज सेवक थी हमेशा दूसरों के लिए ही कार्य करना उनके जीवन का मकसद था।
वह मुझे एक अच्छा और सच्चा इंसान बनाना चाहती थी साथ में ही चाहती थी कि मैं जो भी करूं बस उससे लोगों को फायदा हो लोग हमेशा दुआएं दें मेरे डॉक्टर बनने पर मेरी मां भी काफी खुशी का अनुभव करती वास्तव में यदि मैं डॉक्टर होता तो मेरे पूरे परिवार को बहुत ही ज्यादा खुशी का अनुभव होता मैं पैसे को महत्व न देकर केवल गरीबों और मरीजों का इलाज करने में विशेष रूप से ध्यान देता।
गरीब बेसहारा लोगों की मदद करने में मैं बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरकता मैं अपने यहां पर कार्य कर रहे डॉक्टरों को भी यही सलाह देता कि अपना उद्देश्य सबसे पहले केवल एक मरीज को निरोगी करना है।
दोस्तों मेरे द्वारा लिखित यह आर्टिकल यदि मैं डॉक्टर होता पर निबंध आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं यदि आपको मेरे इस आर्टिकल में कुछ भी अच्छा ना लगा हो तो भी हमें बताएं जिससे हम अपने आर्टिकल में सुधार करके इस को पुनः अपडेट कर सकें।
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