Mera priya tyohar diwali essay in hindi
diwali festival essay in hindi-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल essay mera priye tyohar dipavali मेरा पसंदीदा त्योहार दीपावली पर निबंध आप सभी के लिए बहुत ही अच्छा होगा दीपावली के उत्सव को मनाने के लिए हिंदू धर्म के लोग बहुत खुशी से यह पर्व मनाते हैं और इस पर्व के आने का इंतजार करते हैं यह पर्व हिंदू धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है बच्चों को इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है कि बच्चे इस दीपावली के त्यौहार को पटाखे और चक्करिया चलाते हैं उछल कूद करते हैं जानिए दीपावली के त्यौहार के बारे में
Mera priya tyohar diwali essay in hindi
भारत एक ऐसा देश है जिसको त्योहारों की भूमि कहा जाता है जो दीपावली जो दशहरे के 20 दिन बाद अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है इसे भगवान राम के 14 साल का बनवास काटकर अपने राज्य में लौटने की खुशी में मनाया जाता है अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए अयोध्या वासियों ने इस दिन राज्य को रोशनी से सजा देते हैं साथ ही पटाखों की गूंज मैं सारा राज झूम उठता है।
दीपावली का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जो 5 दिनों तक होता है इस प्यार की तैयारी दशहरे से शुरू की जाती है भारतवर्ष में वैसे तो बहुत अधिक त्यौहार मनाए जाते हैं किंतु उनमें दीपावली का त्यौहार सबको अच्छा लगता है दीपावली हिंदुओं का प्रसिद्ध त्योहार है यह पर्व हर साल शरद ऋतु में कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है कैलेंडर के हिसाब से अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है।
दीपावली के कई दिन पूर्व ही इसकी तैयारी प्रारंभ हो जाती है सभी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं तथा उसकी लिपाई पुताई वह नए-नए राहों से पुताई कर आते हैं अमावस्या की रात्रि को लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है सभी घरों में दीप जलाए जाते हैं।
धनतेरस से लेकर भाई दूज तक बाजारों की चहल पहल देखते ही बनती है चारों ओर सजी हुई दुकान है साफ-सुथरे दमकते हुए घर रंग बिरंगी साड़ियां कपड़े दिखते लोग इस पर्व के महत्व को और बढ़ा देते हैं बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजा दिया जाता है इस दिन बाजारों में खास भीड़ रहती है खासतौर से मिठाइयों की दुकानों पर और बच्चों के लिए यह दिन मानो नए कपड़े खिलौने पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है बच्चों में इसका विशेष उल्लास देखने को मिलता है दीपावली के दिन पटाखे चलाते हुए उनके हर्ष और उल्लास को भलीभांति अनुभव किया जा सकता है।
धनतेरस के दिन हम लोग अपने धर्म की पूजा करते हैं और दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करके गाय की पूजा करते हैं और बच्चे बूढ़े नौजवान सभी नए नए कपड़े पहन कर ईश्वर को खूब आनंद से मनाते हैं सभी लोग आतिशबाजी पटाखे चक्रीया फुलझड़ी चलाते हैं और अपने घर पर नए नए पकवान बनाते हैं और अपने घर को दीपकों की रोशनी से झील मिल कर देते हैं आप जिस रास्ते से गुजरेंगे उसी रास्ते में आपको रोशनी दिखाई देगी।
दीपावली के त्योहार को मनाने का महत्वपूर्ण कारण भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता सहित और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष वनवास बिताकर अयोध्या लौटे थे इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने दीपक जलाएं और इस खुशी को मनाया तभी से उत्सव को दीपावली त्योहार के नाम से मनाने लगे।
दीपावली के त्यौहार को हम अपने दोस्तों के साथ मिलकर पटाखे फोड़ते हैं उनको दीपावली की बधाइयां देते हैं और अपने पड़ोसियों रिश्तेदारों में मिठाइयां और उपहार भी बांटे जाते हैं इसी तरह हर साल दीपावली को बहुत हर्ष उल्लास के साथ और धूमधाम से मनाया जाता है।
पर्मा के पहले दिन गोवर्धन पूजा के लिए होता है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की जाती है लोग गायों के गोबर से अपनी दहलीज पर गोवर्धन बनाकर पूजा करते हैं ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को कम आयु में उठाकर वर्षा से गोकुल के लोगों को बारिश के देवता इंद्र से बचाया था दूज के दिन हम लोग यहां भाई दूज के नाम से जानते हैं यह भाई बहनों का त्यौहार होता है भाई दूज के दिन भाई बहन के घर पर खाना खाने आते हैं और परमा के दिन बहन भाइयों के घर पर खाना खाने जाती हैं।
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