Tuesday 26 May 2020

शीतकालीन अवकाश पर निबंध sheetkalin avkash par nibandh

शीतकालीन अवकाश पर निबंध

शीतकालीन अवकाश के दिनों में हर कोई अपने ऐसे कार्य करना चाहता है जिन्हें करने में उसे आनंद प्राप्त होता है जब बहुत ज्यादा ठंड पड़ती हैं तो कई बार कुछ दिनों की छुट्टियां भी रखी जाती हैं कभी-कभी ऑफिस के लोग और कई अन्य लोग भी शीतकालीन की छुट्टियां ले लेते हैं।



 चाहे छुट्टियां अपने परिवार वालों के साथ या अपने दोस्तों के साथ बिताना चाहते हैं अक्सर लोगों को शीतकालीन के समय सुबह-सुबह ऑफिस जाना पड़ता है कुछ लोगों पर शीतकालीन का काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है कभी-कभी वह बीमार भी हो जाते हैं अक्सर स्कूल और कॉलेज की छुट्टियां शीतकालीन के उस समय शुरू हो जाती हैं जब शीतकालीन चरम पर होता है।


छोटे-छोटे बच्चे जो सुबह-सुबह स्कूल चले जाते हैं उनकी छुट्टियां होना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि उन्हें शीतकाल में ठंड लगने से कई बीमारियां भी हो सकती हैं। शीतकालीन अवकाश जब स्कूल कॉलेज के बच्चों को मिलता है तो उन्हें काफी खुशी मिलती है बच्चे सुबह देर तक सोते रहते हैं और शाम को उन्हें इन दिनों जल्दी सोना अच्छा लगता है जागने का ही मन नहीं करता बच्चों की तो बात ही अलग है।



 शीतकालीन के समय में नौजवान भी जल्दी नहीं जाग पाते बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो जल्दी जागते हैं शीतकालीन के अपने अवकाश के दिनों में बच्चों को काफी खुशी होती है वह देर से जागते हैं और दिन में ज्यादातर बच्चे खेल कूद करते हैं वह इन अवकाश के समय में कम ही पढ़ाई करते हैं कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो हमेशा अपने शीतकालीन के अवकाश के दिनों की राह देखते हैं कि कब अवकाश आए और हम सभी अपनी स्कूल की जिम्मेदारियों से निजात पाएं।


 अक्सर अवकाश के दिनों में बच्चों को काफी खुशी का अनुभव होता है छोटे-छोटे बच्चे अपना समय अपने माता-पिता के साथ बिताते हैं। कई बार वह कंप्यूटर पर गेम खेलते हुए यह टीवी देखते हुए भी देखे जाते हैं शीतकालीन की छुट्टियां उन्हें लंबे समय तक याद रहती हैं। कई बच्चों को शीतकालीन का यह अवकाश अच्छा भी नहीं लगता क्योंकि वह अपने स्कूल के दोस्तों से बिछड़ जाते हैं।



 बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें अपने स्कूल के शिक्षकों की दांट खाने से कुछ दिनों तक निजात मिल जाती है और उनके चेहरे पर इन अवकाश के दिनों पर खुशी भी दिखती है शीतकालीन के इस अवकाश के समय कई नौजवान ऐसे होते हैं जो अपने लक्ष्य के लिए कार्य करते हैं अपने विषय की घर पर रहकर ही अच्छी तैयारी करते हैं वह अपने समय का सदुपयोग करते हैं लेकिन कई ऐसे लोग भी होते हैं जो शीतकालीन के इस अवकाश का कोई भी ज्यादा फायदा नहीं उठा पाते और अपना समय ऐसे ही बर्बाद करते हैं।


शीतकालीन के समय में बच्चों को अपना कुछ समय किताबें पढ़ने पर भी देना चाहिए क्योंकि किताबें बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती हैं किताबें बच्चों को बहुत कुछ ऐसा सिखा देती हैं जो काफी महत्वपूर्ण होता है शीतकालीन का यह अवकाश कुछ लोग अपने परिवार के साथ बाहर घूम कर भी बिताते हैं वह ऐसी जगह पर घूमने जाते हैं जहां पर ज्यादा ठंड ना हो उन्हें इस समय में अपने दोस्तों रिश्तेदारों या परिवार वालों के साथ समय बिताना बहुत ही अच्छा लगता है और लंबे समय तक वह इन दिनों को याद करते हैं।



लोग शीतकालीन के अवकाश के बारे में यह सोचते हैं कि काश यह अवकाश थोड़े और दिनों के लिए हो लेकिन धीरे-धीरे इस अवकाश के दिन निकल जाते हैं और फिर लोग अपनी नॉर्मल जिंदगी व्यतीत करते जाते हैं।


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